Sriram माँ अष्टभुजी ने असुरों का संहार कर पृथ्वी की रक्षा की
(सुश्री आकृति तिवारी लोरमी )
Sriram सक्ती ! माँ अष्टभुजी की नगरी अडभार के समीपस्थ ग्राम चरौदा में साहू परिवार में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के कथा व्यास सुश्री आकृति तिवारी ने कहा कि श्रीराम के वामन अवतार से राजा बलि का अभिमान दूर हुआ
कृष्ण जन्म पर कहा कि देवकी बुध्दि का रुप हैं और वसुदेव विशुद्ध मन का । जब विशुद्ध मन और बुध्दि एक होते हैं तब श्री कृष्ण मिलते है।
Sriram कंस अभिमान का प्रतीक है अभिमान को दूर करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा सात दिनों में मुक्ति दिलाने वाला ग्रंथ है।अनेक जन्मों तक साधना करने पर भी नहीं मिलने वाली मुक्ति राजा परीक्षित को सात दिनों मे मिल गई । जीव और ईश्वर एक है उपाधि के कारण भेद का ज्ञान होता हैं । वास्तविक रूप से आत्मा और परमात्मा, जीव और ईश्वर एक है बस भेद प्रतीति हो रही है। मन यदि सांसारिक विषयों का चिंतन छोड़ दे तो वह ईश्वर में लीन हो सकता हैं ।इस कथा से ज्ञान और वैराग्य बढ़ते हैं ।भागवत कथा ज्ञान वैराग्य और कृष्ण प्रेम बढ़ाने वाली है ।
Sriram धरती पर दैत्यों का उपद्रव बढ़ गया, लोग दुखी हो गये, तब सभी देवता ब्रह्मा जी के शरण में गए। ब्रह्मा आदि सभी देवता नारायण के पास प्रार्थना किए तब प्रभु देवकी वासुदेव के घर अवतार धारण किए । वसुदेव शुद्ध सत्व गुण का स्वरूप है ।देवकी निष्काम बुध्दि है इन दोनों का मिलन होने पर भगवान का जन्म होता है । कार्यक्रम के आयोजक श्री मेहत्तर राम साहू, श्री शिवनारायण साहू ,चन्द्रप्रकाश साहू, जय साहू, सुशांत, मयंक, रुद्रांश हैं, तथा आयोजक परिवार ने अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की है