श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का अवसर सौभाग्य से मिलता है-पंडित अविनाश

मंदिर परिसर में लगातार छठवी बार भागवत कथा का आयोजन किया गया है। हम सभी के लिए यह सौभाग्य की बात है कि श्री कृष्णराधा मंदिर में बैठकर उन्ही के श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने का अवसर मिल रहा है।

पंडित अविनाश ने बताया कि
भगवान कि कथा के महिमा को बखान करने को ही महात्म्य कहा जाता है। भगवान की कथा को श्रवण कैसे करना चाहिए उनका जीवन मे क्या लाभ है । श्रीमद्भागवत कथा पूरा ग्रथ है जिसमे 18000 श्लोक है।
महाराज जी ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का सौभाग्य भी उन्हें मिलता है जिन पर गोविंद की कृपा होती है।


श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से जीव जीवन मरण के बंधन से मुक्त होकर प्रभु के धाम चले जाते है।
वर्तमान में कोई भी प्राणी सुखी नही है कोई तन तो कोई मन से दुखी है। सुखी वही है ईश्वर के भक्ति में लीन है।


कथा में सुत जी महाराज कथा बताई गई। ग्रन्थ में धन, बल व उम्र से कोई बढ़ा नही होता है, वास्तव में ज्ञानी होता है वही बढ़ा व श्रेष्ठ बताया गया। शिक्षा से ही संस्कार प्राप्त होती है।

88 हजार ऋषयो ने सुत जी महाराज से पूछा कि श्री कृष्ण के प्राप्ति का मार्ग क्या है। कृपया हमें बताये। जीवन का क्या है भरोसा,समय रहते अपने ईश्वर के भक्ति से जीवन को सवार लेना चाहिए। कल गुरुवार को मंगला वरुण, पारीक्षित जन्म, कुंती स्तुति, एवं सुकदेव आगमन कथा बताई जाएगी।

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