: देवाशीष झा :
राजनांदगांव का पहला गणेश मंदिर जो रियासत कालीन है राजा द्वारा कॉलेज को दान दी गई बड़ी महलनुमा बिल्डिंग है जिसमें 50 से अधिक कमरे हैं।
जहां वर्तमान में राजनांदगांव का प्रथम कॉलेज दिग्विजय कॉलेज चलता है राजा की महल में बिल्डिंग में रियासत कालीन 168 साल पुराना गणेश मंदिर भी है। यहां पर मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु चांदी का छत्र चढ़ाते हैं । अब तक सैकड़ों की संख्या में चांदी के छत्र इस मंदिर में चढ़ाए जा चुके हैं.
मंदिर को ऐसा बनाया गया है कि जब सूरज उगता है तो सूरज की रोशनी गणेश भगवान स्पर्श कर प्रणाम करती है और शाम को जब डूबता है तो भी गणेश भगवान स्पर्श कर सूरज की रोशनी प्रणाम करती है
रियासत कालीन गणेश मंदिर की पुजारी जुगल किशोर झा ने बताया यह सबसे पुराना और राजनांदगांव का पहले गणेश मंदिर है जहां विधि विधान से 11 दिन गणेश भगवान की पूजा होती है और साज सज्जा होती है अथर्व शीष और अन्य पाठ पूरे पूरे 11 दिन होता है. पिछले 10 वर्षों में 168 चांदी के छत्र चांदी की चढ़ाई जा चुके हैं. यहां के राजा के हम लोग राजपुरोहित हैं जुगल किशोर झा राज पुरोहित थे और मैं उनका पुत्र हूं 10 साल से सेवा कर रहा हूं।