शुभांशु शुक्ला ने साझा किया अंतरिक्ष का अनोखा अनुभव, बोले – ‘धरती पर लौटकर दोबारा सीखना पड़ा खाना’


शुक्ला ने अपने पोस्ट में लिखा, “कभी नहीं सोचा था कि मुझे धरती पर लौटने के बाद दोबारा खाना सीखना पड़ेगा। यहां मैं बता रहा हूं कि अंतरिक्ष में खाते समय आदतें क्यों मायने रखती हैं। अगर आप सचेत नहीं हैं, तो आपसे गड़बड़ हो सकती है। अंतरिक्ष में रहने का एक सबसे प्रभावी मंत्र है – ‘धीमा ही तेज है’।”

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उन्होंने बताया कि स्पेस स्टेशन पर हर छोटी से छोटी गतिविधि बेहद सावधानी से करनी पड़ती है, क्योंकि वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं होता। यही वजह है कि खाने-पीने जैसी साधारण आदतें भी वहां चुनौती बन जाती हैं।


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