Shrimad Bhagwat Katha मानव की मुक्ति का माध्यम है श्रीमद भागवत कथा : ऋतंभरा

Shrimad Bhagwat Katha

Shrimad Bhagwat Katha हर मनुष्य को करना चाहिए हरि नाम स्मरण

Shrimad Bhagwat Katha सक्ती। नगर के जवाहरलाल नेहरू कॉलेज प्रांगण मेमाछौलिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मे व्यासपीठ से अंतरराष्ट्रीय भागवत वक्ता वात्सल्य मूर्ति साध्वी दीदी ऋतंभरा ने श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन कथा का शुभारंभ कर, श्रीमद्भागवत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा हमारे अंतःकरण को धोने का कार्य करती है !

Shrimad Bhagwat Katha जिस प्रकार गंदे कपड़े को धोने के लिए हमें विभिन्न प्रकार के साबुन की आवश्यकता रहती है उसी प्रकार हमें अपने मन के मैल को उतारने के लिए सत्संग रूपी जल और संकीर्तन के साबुन से अपने अंतःकरण की चादर को धोना चाहिए क्योंकि जब हमारा अंत:करण साफ स्वच्छ होगा तब हम श्रीमद् भागवत जैसे पवित्र ज्ञान को धारण करने योग्य बन सकेंगे । श्रीमद् भागवत सृष्टि के कल्याण का शास्त्र है ।

जिस प्रकार कथामृत का पान करने के लिए शौनकादि ऋषियों ने सूत जी महाराज के चरणों में बैठकर कथा श्रवण की उसी प्रकार हमें भी भागवत भगवान के सम्मुख पूर्ण मनोयोग से दत्तचित्त होकर बैठना चाहिए। जीवन में सब कुछ है परंतु प्रभु का नाम नहीं है तो हमारा जीवन नीरस बन जाता है ठीक उसी प्रकार जैसे पकवान तो बहुत सुंदर है अच्छा बना है लेकिन उसमें नमक नहीं है तो वह स्वादहीन हो जाता है ।

Shrimad Bhagwat Katha  अपने जीवन को सरस बनाने के लिए अपने अंतःकरण को श्रीमद्भागवत कथा के ज्ञान से पवित्र करना चाहिए।कथा से पूर्व श्रीमद् भागवत कथा के यजमान माछौलिया परिवार ने श्रीमद् भागवत भगवान की पूजन आरती कर पुण्य का लाभ ले रहे है ऋतंभरा दीदी के अमृत मय श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करने के लिए नगर एवं आस पास के क्षेत्र से हजारों की संख्या मे श्रद्धालुगण कथा श्रवण करने के लिए कथा पंडाल में पहुंचकर पुण्य का लाभ प्राप्त कर महा आरती कर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं !

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