शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लगातार दो दिन से जारी भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। सोमवार सुबह शिमला के भट्टाकुफर माठू कॉलोनी में पांच मंजिला भवन ध्वस्त हो गया। हालांकि, रात में ही भवन को खाली करा लिया गया था, जिससे किसी भी जनहानि से बचा जा सका।
फोरलेन निर्माण से आईं दरारें, भवन गिरा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि फोरलेन निर्माण के दौरान भवन की नींव कमजोर हो गई थी और इसके नीचे बड़ी दरारें आ गई थीं। इसके बाद सुबह भवन पूरी तरह ढह गया। इस घटना के बाद आसपास के अन्य भवनों के भी गिरने का खतरा बना हुआ है, जिससे लोगों में डर व्याप्त है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं।
ग्राम पंचायत चमियाना के उप प्रधान यशपाल वर्मा ने बताया कि भट्टाकुफर में गिरे भवन के आसपास कई अन्य मकान भी खतरे में हैं। उन्होंने कहा, “कंपनी को कई बार इस बारे में सचेत किया गया, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब एक बड़ा हादसा हो चुका है।” स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और निर्माण कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है और प्रभावितों को मदद का आश्वासन दिया है।
रामपुर में बादल फटने से तबाही*
इस बीच, शिमला के रामपुर क्षेत्र में सुबह करीब 3 बजे बादल फटने से भारी तबाही हुई। सरपारा ग्राम पंचायत के सिक्कासरी नाला में बादल फटने से आई बाढ़ ने राजेंद्र कुमार के मकान के एक हिस्से को बहा दिया। इससे उनका एक कमरा और रसोई पूरी तरह नष्ट हो गया। साथ ही, उनकी गौशाला में एक गाय और दो बछड़ों की मौत हो गई।
राजेंद्र के दो भाइयों गोपाल और विनोद के खेत, गौशाला और अनाज के गोदाम को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बता दें कि पिछले साल इसी इलाके के समेज में बादल फटने से 36 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रशासन की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और खतरनाक इलाकों से दूर रहने की अपील की है। साथ ही, आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।