:शुकदेव वैष्णव:
बागबाहरा: कलेक्टर विनय लंगेह द्वारा टी.एल. बैठक में दिए गए निर्देशों के
अनुपालन में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा उमेश साहू द्वारा
विकासखण्ड अंतर्गत बाल आश्रम बिहाझर तथा ग्राम खोपली स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र
एवं पी.एम.श्री अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला
एवं हाई स्कूल का गहन निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की उपस्थिति का परीक्षण करते हुए कक्षा-कक्षों में चल रहे अध्यापन कार्य का अवलोकन किया गया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी अधिगम क्षमता, पढ़ने-लिखने की दक्षता तथा गणितीय योग्यता की स्थिति का आकलन किया।
इस अवसर पर बच्चों ने पठन-पाठन से संबंधित उत्तर दिए, जिसके आधार पर शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन किया गया। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को प्रदत्त पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य व स्वच्छता संबंधी गतिविधियों की जांच की गई। वहीं विद्यालयों में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना का भी परीक्षण करते हुए भोजन की गुणवत्ता, स्वाद एवं पोषण स्तर की समीक्षा की गई।
अनुविभागीय अधिकारी ने कहा कि विद्यालय बच्चों के भविष्य की आधारशिला होते हैं, इसलिए प्रत्येक शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वे नियमित रूप से उपस्थित रहकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित किया कि बच्चों की मूलभूत अधिगम क्षमता में सुधार के लिए विशेष प्रयास किए जाएं और कमजोर बच्चों को अतिरिक्त समय देकर उन्हें सक्षम बनाया जाए।
विद्यालय प्रमुखों को मासिक मूल्यांकन, कक्षा-कक्ष में अनुशासन एवं शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रारंभिक शिक्षा की गतिविधियों को और अधिक रचनात्मक व आकर्षक बनाया जाए।

साथ ही यह भी निर्देशित किया कि मध्यान्ह भोजन योजना की गुणवत्ता पर सतत निगरानी रखी जाए तथा बच्चों को स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों की प्रगति तभी संभव है जब अभिभावक-शिक्षक संवाद नियमित रूप से हो और समुदाय की सक्रिय भागीदारी शिक्षा के क्षेत्र में सुनिश्चित की जाए।
अंत में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा ने स्पष्ट किया कि बच्चों की शैक्षिक उपलब्धियों में निरंतर वृद्धि, शिक्षकों की जवाबदेही, गुणवत्तापूर्ण मध्यान्ह भोजन एवं अनुशासित वातावरण सुनिश्चित करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के औचक निरीक्षण आगे भी समय-समय पर किए जाते रहेंगे, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके