नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बढ़ते आवारा पशुओं और कुत्तों के मामलों
पर सख्त रुख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों
को निर्देश दिया है कि सड़कों, राज्य मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों से सभी आवारा पशुओं
को तुरंत हटाया जाए। इसके साथ ही अदालत ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और
नगरपालिकाओं को भी इस दिशा में ठोस कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए हाईवे निगरानी टीमें बनाई जाएं, जो सड़कों पर
घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़कर सुरक्षित शेल्टर होम्स में रखेगी।

शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों से भी हटाए जाएंगे आवारा कुत्ते
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर भी स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों से सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें शेल्टर होम्स में रखा जाए।
साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के बाद इन कुत्तों को दोबारा उसी इलाके में न छोड़ा जाए, बल्कि उनकी सुरक्षा और निगरानी की स्थायी व्यवस्था की जाए।
तीन जजों की पीठ ने जताई चिंता
यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की तीन सदस्यीय पीठ ने जारी किया। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि देशभर में कुत्तों के काटने के मामलों में चौंकाने वाली वृद्धि हुई है, जिससे आम जनता की सुरक्षा खतरे में है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि अधिकारी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में रखकर टीके लगाएंगे और फिर उन्हें दोबारा सार्वजनिक स्थानों पर घुसने से रोकने के लिए ठोस इंतजाम किए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 13 जनवरी 2026 को अगली सुनवाई में प्रस्तुत की जाएगी।

मुख्य बातें एक नज़र में:
अगली सुनवाई 13 जनवरी को
- सड़कों और हाईवे से हटाए जाएं सभी आवारा पशु
- NHAI, नगरपालिकाओं और राज्यों को एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश
- स्कूल, अस्पताल, बस व रेलवे स्टेशनों से हटाए जाएं आवारा कुत्ते
- टीकाकरण के बाद दोबारा उसी जगह पर न छोड़े जाएं
- अगली सुनवाई 13 जनवरी 2026 को