विकासखंड कोयलीबेड़ा के ग्राम पंचायत माटोली के आश्रित ग्राम पीव्ही-29 योगेंद्रनगर में पुलिया निर्माण के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। सरपंच और पंचायत सचिव ने लाखों रुपये की राशि आहरित करने के बावजूद 14 महीने से काम शुरू ही नहीं कराया। इस लापरवाही के बाद जनपद सीईओ ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।

4 लाख की स्वीकृति, लेकिन काम अधर में
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत माटोली द्वारा भवसिंधु के घर के पास एक मीटर चौड़ी पुलिया का निर्माण 15वें वित्त आयोग से स्वीकृत कराया गया था। इस कार्य की लागत 4 लाख रुपये निर्धारित की गई थी। जुलाई 2023 में पहली किस्त के रूप में 2 लाख रुपये पंचायत सचिव द्वारा आहरित भी कर लिए गए, लेकिन पुलिया का काम शुरू तक नहीं हुआ।

ग्रामीणों की परेशानी
ग्रामीण नीलूपद विश्वास और भवसिंधु ने बताया कि वर्षा ऋतु में पानी निकासी की व्यवस्था न होने से सड़क पर पानी भर जाता है। इस मार्ग से गुजरने वाले करीब सात परिवारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि पुलिया का निर्माण पिछले वर्षा से पहले होना था, लेकिन लगातार दो वर्ष बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया।
और भी निकाली गई राशि
ग्राम पंचायत के अभिलेख बताते हैं कि सचिव ने 19 जुलाई 2024 को 1 लाख, 25 अक्टूबर को 31 हजार और 10 नवंबर को 69 हजार रुपये की राशि और आहरित की। यानी कुल मिलाकर लाखों रुपये निकाल लिए गए, मगर मौके पर गड्ढा तक नहीं खोदा गया।
पंचायत सचिव का बयान
जब इस मामले में पंचायत सचिव स्वपन मृर्धा से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिया निर्माण के लिए आहरित 2 लाख रुपये अन्य कार्यों में खर्च कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उपयंत्री को दे दी गई है और जल्द ही पुलिया निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा।
जांच के आदेश
पूरा मामला सामने आने के बाद जनपद सीईओ ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में विकास कार्यों में इस तरह की लापरवाही और गड़बड़ी न हो।