बिजली कटौती से बिजली आधारित व्यवसाय पूरी तरह ठप
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। नगर में पिछले एक वर्ष से नगर में बेहतर सडक़ व यातायात सुविधा हेतु बहुप्रतीक्षित गौरव पथ का निर्माण कार्य प्रारंभ है । पर विभाग , ठेकेदार व नगरपालिका की उदासीनता के चलते नगरवासी व व्यवसायी पिछले एक वर्ष से परेशान है ।
गौरवपथ निर्माण के दौरान निर्माण सामग्रियों को दुकानों के सामने रख दिये जाने , भारी संख्या में धूल उडऩे व विद्युत पोल शिफ्टिंग के चलते सुबह से शाम तक बिजली कटौती के चलते बिजली से आधारित व्यवसाय व अन्य दुकानों के साथ ही विशेषकर कपड़ा दुकानो में ग्राहकी काफी प्रभावित हो रही है । वहीं अनेक दुकानों के सामने डामरीकरण हो चुके सडक़ो पर ग्राहकों व वाहन मालिकों द्वारा चलने वाली सडक़ो पर अवैध रूप से कब्ज कर उसे अघोषित रूप से पार्किंग स्थल का रूप दे दिया गया है। एक तरफ सडक़ निर्माण होने से बन चुके दूसरी तरफ की सडक़ पर यातायात का दबाव दनो तरफ से बढ़ गया है पर सडक़ पर अवैध रूप से चारपहिया वाहनों को घंटो तक घड़े रख दिये जाने से आवागमन में और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है । इन वाहनों को हटाने व आवागमन को बेहतर रूप से संचालित किए जाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन, पुलिस व नगरपालिका की है किंतु संबंधितों को इस दिशा में कभी प्रयास करते नही देखा गया । जिसकी वजह से यातायात की समस्या और भी बढ़ जाती है । नगर के अनेक स्थानों पर तो अनेकों बार सडक़ो में ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित होते देखी गई है । पर इसे ठीक करने कभी पुलिस को सडक़ों व चौक चौराहों में यातायात नियंत्रित नही करते देखा गया ।
घंटेश्वरी मंदिर से बैतारी चौक तक लगभग 6 किलोमीटर लंबी गौरवपथ का निर्माण लगभग 43 करोड़ रुपये की लागत से पिछले एक वर्षो से चल रहा है । अभी तक सडक़ , नाली , डिवाइडर निर्माण व पोल शिफ्टिंग का कार्य नगर के बाहरी व कम यातायात दबाव वाले क्षेत्रों में चल रहा था । जिसकी वजह से कोई खास परेशानियों का सामना वाहन चालकों, पैदल यात्रियों व व्यवसायियों को नही हो रहा था । जैसे जैसे यह कार्य नगर के भीतर प्रवेश कर रहा है वैसे वैसे अनेक समस्याओं का सामना प्रशासन की लापरवाही के चलते सभी को उठाना पड़ रहा है । खासकर सोहनलाल मोतीलाल पेट्रोल पंप से नई मंडी चौक तक नगर की अधिकांश व्यवसायिक प्रतिष्ठान , पेट्रोल पंप , एजेसिंया , बड़े बड़े माल व बैंक स्थापित हैं । जिनकी वजह से इस क्षेत्र में सर्वाधिक यातायात का दबाव बने रहता है । वही नगर के भीतर से ही सरसींवा व पदमपुर की ओर से आने जाने के लिए सडक़े होने से और अधिक वाहनों का भी दबाव बढ़ जाता है । नगर में गौरवपथ का निर्माण की गति धीमी होने का प्रमुख कारण सडक़ के दोनो तरफ बड़े बड़े बरगद , नीम व पीपल के पेड़ हैं जिनकी उम्र लगभग 200 वर्ष होगी । इन पेड़ों की कटाई नही होने से निर्माण कार्य की गति नही बढ़ पा रही है । कुछ माह पूर्व एसडीएम द्वारा ठेकेदार के शिकायत पर नगरपालिका को निर्देश दिया गया था कि शीघ्र ही इन पेड़ों की कटाई कराई जाए । किंतु नगरपालिका द्वारा कुछ टहनियों की छंटाई कर शेष वृक्ष को छोड़ दिया गया जो अभी तक नही कटने से नाली निर्माण , सडक़ व पोल शिफ्टिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है ।नगर के अंदर इसी वजह से कार्य धीमे गति से होने के कारण पैदल , वाहन यात्रियों व्यवसायियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो इसी के चलते व्यवसाय भी काफी प्रभावित हो गया है ।
नगर में इन 6 किलोमीटर में नगरपालिका द्वारा 65 वर्षो से लगे विद्युत खम्बो व तारो को हटाकर 4.40 करोड़ रुपये खर्च कर सैकड़ों नए पोल लगाए गए हैं और इन नए खम्बो में नए तारो को लगाए जाने का कार्य अंतिम चरण में हैं । नए खम्बो में तार लगाने के कारण समीप ही पुराने खम्बो के होने की वजह से सुबह 9 से शाम 3 बजे तक विद्युत विभाग द्वारा सुरक्षागत कारणों से विद्युत आपूर्ति बंद कर दी जाती है । इसकी अधिकृत जानकारी सार्वजनिक तौर पर विद्युत विभाग को देनी चाहिए किंतु इसका काम नगर के कुछ सोशल मीडिया वाले करते हैं जो कि उचित नही हैं नगर में ऐसे लोग हास्य के पात्र भी बन रहे हैं । घोषणा तो की जाती शाम 3 बजे तक पर लाइट शाम 6 बजे तक नही आती । शाम को 1-2 घंटे दुकान खोलने के बाद दुकान बढ़ाने का समय हो जाता है इससे दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है । इसी तरह बस्ती सरायपाली से जयस्तंभ चौक से डामरीकरण किया गया है गुरुद्वारा चौक से जयस्तंभ चौक तक अंतिम डामरीकरण नही हुवा है पर इज़्जे पहले ही सफेद पट्टी लगा दी गई है । डामरीकरण नाली से नाली तक किया जाना था पर नाली से 2 फिट छोडक़र डामरीकरण किया गया है ऐसा क्यों किया गया यह समझ से परे है । डामरीकरण की गुणवत्ता को लेकर भी नगरवासियो में चर्चा बना हुआ है ।
जिस कांग्रेस सरकार में व नगरपालिका ने कांग्रेस अध्यक्ष के रहते वर्षो पुरानी गौरवपथ निर्माण की मांग को स्वीकृत करते हुवे कार्य भी प्रारम्भ किया गया । किंतु इस बीच अविश्वास प्रस्ताव के चलते कांग्रेस नपाध्यक्ष को हटाकर भाजपा के पदाधिकारी काबिज हुवे । इनके काबिज होते ही गौरव पथ निर्माण से संबंधित अनेक कार्यो जिनमे डिवाइडर की ऊँचाई को कम करने , सडक़ की चौड़ाई को कम करने जैसे कुछ कार्यो को संशोधित कर निर्माण कार्य कराए जाने से नगरवासियो में काफी आक्रोश है । जानकारी के अनुसार इन लगभग 6 किलोमीटर लंबे गौरवपथ निर्माण के प्राक्कलन ने सिर्फ 12 क्रासिंग ( कट ) का प्रावधान था जिसे मनमाने ढंग से अभी वर्तमान में घन्टेस्वरी मंदिर से सोहनलाल मोतीलाल पेट्रोलपंप तक 23 क्रासिंग का निर्माण हो चुका है जबकि लगभग शेष स्थानों में इतने ही और बनने की संभावना है । यही क्रासिंग आने वाले समय मे दुर्घटनाओं का कारण बनेंगे। आखिर 12 की जगह लगभग 50 क्रासिंग बनाये जाने पर इसमे लागत की बचत का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है चर्चा यह भी है कि इसमें काफी भ्रष्टाचार किया गया है । गौरवपथ निर्माण , पोल शिफ्टिंग व अन्य कार्यो में भारी अनियमितताओं की जमजर नगर में चर्चा है । इसे लेकर विधायक चातुरी नंद द्वारा एक दिवसीय धरना भी दिया गया था । किंतु उसके बाद विधायक द्वारा कभी भी इसका विरोध नही करने को लेकर भी चर्चा है ।
इस मामले में नगरपालिका अभियंता को निलंबित भी होना पड़ा था । इजक़े बावजूद जिस बहुप्रतीक्षित गौरवपथ को स्वीकृति प्रदान कराने वाले व इसका भूमिपूजन करने वाले पूर्व नपाध्यक्ष अमृत पटेल द्वारा नगरवासियो को यह सुविधा दी गई इन सबके बावजूद उनके द्वारा इजक़े खिलाफ में एक भी शब्द नही कहा जाना अपने सामने हो रहे भ्रष्टाचार , अनियमितता व प्राक्कलन में फेरबदल किये जाने का कभी भी विरोध नही किये जाने व चुप्पी साध लिए जाने से नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है । कुल मिलाकर यह गौरव पथ का वर्तमान नगर सरकार द्वारा प्राकलन में संशोधन कर नगरवासियो को सुविधा प्रदान किये जाने के बजाय उल्टा नगरवासियो को परेशान काईये जाने का कार्य अधिक किया जा रहा है । वही हद से अधिक क्रासिंग छोडऩा भी सुगम व सुरक्षित यात्रा को प्रभावित करेगा । इससे आये दिनों इन क्रासिंग में दुर्घटनाओं की संभावना बहुत अधिक है । इस बेवजह व अनेक अनावश्यक क्रासिंग को लेकर इस समाचार पत्र में पूर्व में भी समाचार का प्रकाशन कर सावधानी बरतने भी कहा गया था । किंतु इसके बावजूद लगभग 50 क्रासिंग बनने की संभावना है । इस विषय पर नगर के सामाजिक संघ , संगठनों व राजनैतिक दलों को मिलकर विरोध किया जाना चाहिए ।