Sakti : भगवान का अवतार सनातन की रक्षा करने के लिए ….आचार्य राजेंद्र शर्मा, देखिये Video

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Sakti : भगवान का अवतार सनातन की रक्षा करने के लिए ….आचार्य राजेंद्र शर्मा

 

 

Sakti  :  सक्ती !  नगर में मित्तल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन बास फिर से आचार्य राजेंद्र शर्मा ने कथा श्रवण करने वाले स्रोतों को बताया संसार में भगवान का अवतार दो कारणों से ही होता है , धर्म की रक्षा , धर्म का नास और परित्राणय साधुनाम अर्थात संत और ब्राह्मणों की रक्षा करने के लिए , जरासंध जब यदुवंशियों के नस का संकल्प लेकर यदुवंशियों को घेर लिया !

तब भगवान ने यह विचार किया कि आखिर धरती पर मेरा अवतार क्यों हुआ है ? संसार के समस्त प्राणी अपने-अपने कर्म के अनुसार जन्म प्राप्त करते हैं परंतु भगवान का अवतार तो सनातन की रक्षा करने के लिए ही होता है , यह उद्गार शक्ति नगर के मित्तल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् गया भागवत के छठवें दिन की प्रसंग हमें व्यासपीठ से आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने प्रकट किया !

Sakti  :   आचार्य ने बताया भगवान को जिस नाम अथवा रिश्ता जोड़कर यदि कोई उन्हें अपने से जोड़ कर रखें तो भगवान हमेशा कृपा ही करते हैं , रावण हिरण्यकश्यप और कंस ने अपना शत्रु मानकर कई बार नाम लिया, गोपियों ने भक्ति भाव से , शबरी ने बड़ी श्रद्धा से , मीरा ने अपना सर्वस्व मानकर , पिंगला नाम की वैश्या ने अपने बिगड़े कम का प्रायश्चित कर तथा सदन नाम की कसाई ने अपने कर्म को ही पूजा मानकर , अजामिल ने अपने बेटे का नाम नारायण रखकर भगवान के नाम को स्मरण किया था और यह सब भगवान के परम कृपा पात्र बन गए । श्री भगवान का नाम ही भवसागर से तारने के लिए तर्क नाम है , और यही सभी वेद पुराणों की कथाओं का उद्देश्य है के सभी भगवान के लिए आस्थावान और उनके भक्त जरूर बन ।

आचार्य द्वारा कथा का सरस एवं विस्तार से वर्णन करते हुए गोपियों के विरह , और मथुरा वासियों के मन में अपार हर्ष की 11 वर्ष पूर्व हमारा खोया हुआ खजाना श्री कृष्णा हमें मिल रहे हैं , कंस वध और जरासंध से युद्ध के साथ रुक्मणी श्री कृष्ण मंगल की कथा का विस्तार से वर्णन किया । श्रोताओं ने गाजी बजे और पटाखे के साथ भगवान द्वारकाधीश की बारात निकली और आनंद मनाया ।

 

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कथा श्रवण करने नगर तथा आसपास के अनेक ग्रामों से सैकड़ो स्रोतों का आना हो रहा है , दिव्या और जीवंत जातियों के साथ भगवान नाम संकीर्तन और कथा रसपान का आनंद श्रोताओं को प्राप्त हो रहा है । गया भागवत के आयोजन मित्तल परिवार द्वारा सभी श्रोताओं को साधुवाद के साथ अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने की अपील की जा रही है ।

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