Sakthi latest news : सेवा और सम्मान से संतानों के जीवन में खुशियां और ऐश्वर्य की होती है प्राप्ति, देखिये VIdeo

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Sakthi latest news सक्ती। ग्राम पंचायत पोरथा आयोजित श्रीमद् भगवत कथा के क्षठवे दिन ब्यास पीठ से भागवताचार्य राजेंद्र शर्मा ने कथा श्रवण करने पहुंचे भक्तजनों को कहा कि माता-पिता इस संसार मैं सर्वप्रथम साक्षात देवता है , जिनकी सेवा और सम्मान से संतानों के जीवन में खुशियां और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है । भगवान भी इस धरा पर अवतार लेकर अपने माता-पिता की सेवा आज्ञा पालन और भगवान मानकर पूजा करते हैं ।

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भगवान जब राम और कृष्ण के रूप में अवतार लिए तब दोनों ने ही अपने माता-पिता की चरण सेवा के साथ अपने गुरु महाराज के भी सेवा कर दीक्षा प्राप्त किए । माता-पिता और गुरु की चरण सेवा में ही हमारा कल्याण और सुखद भविष्य है  ।

राजेंद्र महाराज ने श्रोताओं से आह्वान किया की अपने माता पिता और गुरु के लिए निष्ठावान बने रहें क्योंकि इन्हीं के चरणों में स्वर्ग है अपने माता-पिता का अनादर करने पर भगवान भी पूजा स्वीकार नहीं करते । संसार में आते ही जब हमने पहली बार स्वास लिया तो हमारे माता-पिता उसके साक्षी हैं इसलिए बेटे और बेटियों का धर्म है कि माता-पिता इस दुनिया से जाते समय आखरी बार श्वास में तो वह भी उनके सामने रहे ।

अपने माता- पिता के वृद्धावस्था आने पर उनकी सेवा सेवा नहीं करने पर यम के दूत उन्हें दंड स्वरूप उन्हीं के मांस को खिलाते हैं , यह श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध 45 में अध्याय के आठवें श्लोक मैं उल्लेखित है ।

छठ में दिन के भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोपियों के साथ महारास लीला , गोपियों के विरह , कंस वध , श्री कृष्णा और बलराम का अवंतिकापुरी के सांदीपनि आश्रम में वेद अध्ययन तथा दीक्षा , जरासंध के साथ युद्ध और रुक्मणी कृष्ण विवाह की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया ।

कथा व्यास राजेंद्र जी महाराज ने श्रोताओं को कहा कि भगवान की रासलीला देव की लीला नहीं है , इसे वही समझ सकता है जो स्वयं को गोपी बना ले । साक्षात रस रूप तो श्री कृष्ण ही हैं , रस रूप परमात्मा से हमारी आत्मा का मिलन ही महाराज है अर्थात आत्मा का परमात्मा से मिलन का तादात्म्य भाव का नाम ही महारास है !

सरस्वती शिशु मंदिर पोरसा एवं ग्राम वासियों के प्रशंसनीय सहयोग एवं भागवत प्रवाह आध्यात्मिक सेवा संस्थान के वैचारिक पहल से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मैं हजारों श्रोता प्रतिदिन भागवत कथा अमृत के साथ सत्संग लाभ व दिव्य झांकियों का दर्शन एवं मधुर संगीत संकीर्तन का लाभ उठा रहे हैं ।

कोरोना कॉल एवं आकस्मिक रूप से दिवंगत अनेक ग्राम वासियों के मुक्त भारत एवं सद्गति की कामना से आयोजित इस यज्ञ से पूरे ग्राम में धार्मिक आस्था के साथी भगवत प्रेम का भव्य वातावरण बना हुआ है , अनेक दानदाताओं के द्वारा प्रतिदिन प्रसाद भंडारा एवं सहयोग का प्रशंसनीय योगदान है ।

श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के प्रतिदिन की महाआरती में अनेकों जोड़ियों को सहभागी बनाया जा रहा है जो भागवत भगवान और भारत माता की आरती कर धन्य हो रहे हैं । भागवत कथा के यजमान  शशि बाला विनोद यादव ,  निर्मला उमाशंकर राठौर ,  हर्षिता मुकुंद कृष्ण पांडे द्वारा अधिकाधिक संख्या में कथा श्रवण का पुण्य लाभ प्राप्त करने आग्रह किया गया है l

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