Ratanpur in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में रतनपुर के मंदिर में नारी रूप में पूजे जाते हैं हनुमान

Ratanpur in Chhattisgarh

Ratanpur in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में रतनपुर के मंदिर में नारी रूप में पूजे जाते हैं हनुमान

Ratanpur in Chhattisgarh बिलासपुर  भगवान श्रीराम के भक्त एवं पवनपुत्र हनुमान को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है और शास्त्रों में महिलाओं को उनकी मूर्ति को स्पर्श करना वर्जित है ,लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा भी मंदिर है जहां हनुमान जी को नारी रूप में पूजा जाता है।

बिलासपुर जिले में रतनपुर के समीप गिरजाबंध के मंदिर में बजरंगबली की नारीस्वरूप में प्रतिमा स्थापित है और माना जाता है कि यहां दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है।

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस मंदिर का इतिहास करीब 10 हजार साल पुराना है।

इसका निर्माण स्थापना तत्कालीन राजा पृथ्वी देवजू ने करवाया था। एक समय राजा पृथ्वी को कुष्ठ रोग हो गया। अनेक उपाय किये जाने के बावजूद उनका रोग ठीक नहीं हुआ। तब उन्हें किसी ज्योतिष ने हनुमान जी की पूजा-उपासना करने की सलाह दी। राजा पृथ्वी ने हनुमान जी की कठिन भक्ति की, जिससे प्रसन्न होकर हनुमान जी ने एक रात स्वप्न में उन्हें दर्शन दिये और कहा कि अपने क्षेत्र में एक मंदिर बनवाने के साथ समीप ही सरोवर खुदवाओ तथा इस सरोवर में स्नान करने से ये कुष्ठ रोग दूर हो जायेगा। ऐसा करने पर राजा रोगमुक्त हो गये। इसके कुछ दिन बाद राजा को हनुमान जी का स्वप्न आया कि सरोवर में एक प्रतिमा अवस्थित है जिसे मंदिर में स्थापित करो। राजा के सेवकों ने सरोवर में प्रतिमा की तलाश की तो उन्हें हनुमान जी की नारी स्वरूप वाली प्रतिमा मिली, जिसे मंदिर में स्थापित किया गया।

कई विशेषताओं को समेटे इस मूर्ति में अद्भुत चमक है। इसका मुख दक्षिण की ओर है। मूर्ति में हनुमान जी के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण की झलक है। उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डुओं से भरी थाली है।

 

NMDC Bacheli Project हनुमान जन्मोत्सव पर बैलाडीला पहाड़ी पर स्थित हनुमान टेकरी में गूंजा जय श्री राम

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में आने वाले भक्त हजारों मन्नत लेकर आते हैं और इस जगह से वे कभी निराश नहीं होते। लोगों की आस्था और इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।

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