जगदलपुर। बस्तर क्षेत्र में रावघाट–जगदलपुर रेल लाइन परियोजना की धीमी प्रगति को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। लगभग 140 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के लिए 1025 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन अब तक केवल 776 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण हो पाया है। भूमि उपलब्धता में इस कमी के कारण परियोजना पर लगातार असर पड़ रहा है।
पुणे की मोनार्क सर्वेयर कंपनी को सर्वे का कार्य 18 सितंबर को सौंपा गया था, लेकिन भूमि विवाद और मुआवजा घोटाले ने काम को रोक दिया है। करीब 175 करोड़ रुपये के कथित मुआवजा घोटाले की जांच जारी है, जिससे प्रक्रिया और अधिक जटिल हो गई है।
हाईकोर्ट ने तीन वर्ष पूर्व नया सर्वे कर मुआवजा तय करने का आदेश दिया था, लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं हो सका। स्थिति यह है कि केंद्र सरकार द्वारा परियोजना के लिए 3513 करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने के बावजूद रावघाट–जगदलपुर रेल लाइन का निर्माण कार्य फिलहाल ठप पड़ा हुआ है।