Rajnandgaon news today बिना अधिग्रहण किए बना दिए किसानों की जमीन पर सड़क
Rajnandgaon news today राजनांदगांव। सुर्खियों में बने हुए एडीबी प्रोजेक्ट अंतर्गत बन रहे छुईखदान-दनिया रोड में गड़बड़ी के रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। रोड की अंतिम छोर दनिया से छुईखदान तक पैदल चल कर बीते माह रोड से प्रभावित किसान और ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर प्रशासन से गुहार लगाए थे। इस पदयात्रा की व्यापक चर्चा क्षेत्र के गांवों में देखने को भी मिला था।
मामले ने तुल तब पकड़ा जब एडीबी के प्रोजेक्ट प्रबंधक ने ठेकेदार से मिली भगत कर बलपूर्वक किसानों की निजी भूमि खेत में सड़क का निर्माण करवा दिया। किसानों ने विरोध किया, तो उसे अनसुना कर दिया गया। जब मामला छुईखदान ैएसडीएम रेणुका रात्रे तक पहुंची तो मामले की गंभीरता को देखते हुऐ उन्होंने किसानों के साथ राजस्व विभाग और एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों की 9 नवंबर को अपने कार्यालय में बैठक आयोजित कर मामले को लेकर दोनों पक्षों की बात सुनी, जिस पर एडीबी की ओर से इंजीनियर फारूक ने एसडीएम की उपस्थिति में बताया कि सिर्फ 3 गांव तेंदुभाठा, सीताडबरी और राधापुर खार की निजी भूमि के अभिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होना बताया गया, बाकी गांव में अधिग्रहण नहीं होने की जानकारी दिए। एसडीएम ने बिना अधिग्रहण किए किसानों की जमीन पर सड़क निर्माण करने पर नाराजगी जाहिर करते आनन-फानन में देर रात राजस्व विभाग कि ओर से गंडई और छुईखदान तहसील के दोनों तहसीलदार, संबंधित आरआई, पटवारी एवं एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठन कर किसानों की जमीन का सीमांकन कर सड़क में आने वाली जमीन का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का लिखित आदेश दिए, जिस पर अगले दिन 10 नवंबर से नाप-जोख सीमांकन का काम चालू तो किया गया है, जो कि अब तक पूरा नहीं हो पाया है। किसानों में बिना मुआवजा जमीन लिए जाने से बेहद नाराजगी देखने को मिल रहा है।
किसान कर सकते हैं बड़े आंदोलन का ऐलान
किसानों की जमीन में जिस तरीके से सड़क का निर्माण करवा दिया गया है एडीबी के प्रॉजेक्ट अधिकारियों के द्वारा उससे प्रभावित किसान बेहद खपा हैं। किसानों में नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। ये नाराजगी कभी भी किसी बड़े आंदोलन के शक्ल में सामने आ सकता है। जानकारी के मुताबिक प्रभावित किसान एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं। किसान एडीबी को एक अधिकारियों को अब और अवसर देने के पक्ष में नहीं है, वो उच्च स्तर पर पूरे मामले की शिकायत कर कार्यवाही की भी मांग कर रहे हैं।
एसडीएम के आदेश की खुली अवेहलना करने से भी नहीं चुके एडीबी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी
9 नवंबर की मीटिंग में में प्रभावितों के द्वारा गणना पत्र दिलाने की मांग किए थे, इस पर एसडीएम रेणुका रात्रे ने एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों और एनजीओ के सुशील ओझा को तीन दिनों के अंदर गणना पत्र वितरण करने का आदेश दिया गया, किन्तु भ्रष्टचार और गड़बड़ी उजागर होने के डर में एनजीओ के सुशील ओझा द्वारा प्रभावितों को गणना पत्र आज तक दिया ही नहीं गया है। अधोसंरचना के मूल्यांकन एवं मापांकन में किए गए करोड़ों रूपए के गड़बड़ी सामने आ सकता है, अगर मामले की जांच करवाई जाए तो। इस आशय की शिकायत और जांच दल गठन की मांग प्रभावितों द्वारा किया गया है।
किसानों ने भेजा कानूनी नोटिस एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारियों को
एडीबी प्रोजेक्ट प्रबंधक कार्यालय को किसानों ने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजकर शासकीय दर पर मुआवजा देने की बात कही है। नोटिस प्राप्त होने के बाद एडीबी प्रोजेक्ट प्रबंधक ने छुईखदान एसडीएम को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए प्रश्नाधीन संबंधित भूमि के सीमांकन हेतु आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है। इस पर एसडीएम कार्यालय की ओर से जल्दी कोई दिशा-निर्देश जारी किया जा सकता है।
न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगी : ताम्रकार
युवा नेता खम्हन ताम्रकार ने कहा कि गणना पत्र प्रभावितों को तत्काल दिया जाए एवं सर्वे का कार्य शीघ्र पूर्ण कर मुआवजा किसानों को दिया जाए, न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।