Rajnandgaon News : शीर्षक खेल मैदान में खेल गतिविधि के अतिरिक्त अन्य आयोजनों पर लगे प्रतिबंध
रिपोर्टर के एस ठाकुर
राजनांदगांव
Rajnandgaon News : 140 करोड़ की आबादी वाले देश में हम ओलंपिक खेल ,विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में पदक के लिए है तरस जाते हैं या यूं कहें कि इतने बड़े राष्ट्र, इतनी बड़ी आबादी के अनुपात में पदक के मामले में हम अन्य छोटे देशो से भी काफी पीछे रहते हैं ।पदक की उम्मीद हम तब कर सकते हैं जब खेलों के प्रति सरकार की योजना बच्चों को बचपन से
Rajnandgaon News : ही खेल गतिविधि में शामिल करें, उन्हें उपयुक्त मैदान सुलभ कराएं, उचित अवसर प्रदान करें तथा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें। लेकिन यह हमारे देश का दुर्भाग्य है की प्राथमिक स्तर पर खेल का प्रभावी एवं सटीक योजना नहीं होता । प्राथमिक स्तर पर बच्चों के खेल के मामले में स्थिति यह है स्कूल लगने और इसके छूटने के बीच खेल का
कोई पीरियड नहीं होता जबकि होना यह चाहिए की स्कूल में अंतिम पीरियड खेल का ही होना चाहिए इस पीरियड में प्रत्येक बच्चे खेल गतिविधि में भाग लेवें एवं उसकी क्षमता उसकी प्रतिभा के अनुसार स्कूल के शिक्षक उन्हें उन खेलों में प्रोत्साहित कर उचित अवसर प्रदान करें । भविष्य में यदि हम खेल मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक से
अधिक पदक जीतने की पदक कि उम्मीद करते हैं तो प्राथमिक स्तर से ही हमें बच्चों को तैयार करना होगा। तब कहीं जाकर के हम भविष्य में फदक की उम्मीद कर सकते हैं। तथा खेलों में अपने शहर प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे और यदि हमारी योजना ऐसी नहीं होती है तो खिलाड़ियों से देश के लिए पदक की उम्मीद करना अतिशयोक्ति
होगी संस्कारधानी राजनांदगांव जो कि कला और साहित्य में विशिष्ट स्थान रखता है वही इस अंचल में स्कूल एवं महाविद्यालय स्तर पर खेल के अच्छे मैदान का भी अभाव है जिला मुख्यालय में खेल मैदान की बात करें तो कमला देवी राठी महाविद्यालय स्टेट स्कूल और स्कूल मे ही मैदान है ।किंतु यह दुर्भाग्य है कि इन मैदानों पर खेल आयोजन कम
और अन्य आयोजन एवं अन्य गतिविधि पूरे वर्ष भर ज्यादा होती है ।जिस वजह से खिलाड़ी इन मैदानों पर उचित अभ्यास प्रतिदिन नहीं कर पाते हैं और जब आप प्रतिदिन अभ्यास नहीं करेंगे तो आप बड़े खिलाड़ी बनने का सोच भी नहीं सकते। खेल के साथ-साथ शहर में आध्यात्मिक सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधि एवं आयोजन भी आवश्यक है
लेकिन इन आयोजनों की व्यवस्था खेल मैदानों के अतिरिक्त किसी एक स्थान पर होना चाहिए क्योंकि जब कोई गैर खेल गतिविधि का आयोजन मैदान पर होता है तो मैदान में स्टाल लगाए जाते हैं मैदान में पंडाल लगाया जाता है मंच बनाया जाता है जिसकी वजह से पूरे मैदान में गड्ढा करना पड़ता है पड़ता है और इन्हीं कारणों से शनै शनै खेल का
मैदान पूरी तरह खेल मैदान नौकर गड्ढे दलदल के रूप ले लेता है । जिसके कारण इन मैदान पर खिलाड़ियों को अच्छे से खेल पाना काफी मुश्किल होता है और ऐसी स्थिति में शरीर कुछ चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है। राजनांदगांव के हृदय स्थल में स्थित कमला कॉलेज का खेल मैदान जो कि चारों तरफ से बाउंड्री दीवाल होने की वजह से
खेल के लिए काफी सुरक्षित है बल्कि अच्छा मैदान भी है। इस मैदान मे भी अन्य मैदान की तरह आए दिन हमेशा कुछ ना कुछ गैर खेल आयोजन होते रहते हैं और मैदान खेल का मैदान ना हो करके कचरा गंदगी गड्ढ मिट्टी आदि से फट जाता है। गैर खेल गतिविधि आयोजन के पश्चात मैदान की जो दुर्दशा होती है उसके लिए काफी हद तक जिस
संस्था के अधीन वह मैदान होता है उस संस्था के प्रशासक भी जिम्मेदार माने जाएंगे क्योंकि संस्था प्रशासन की ओर से आयोजन के लिए मैदान को उपलब्ध कराने के पूर्व आयोजकों से कोई शर्त नहीं रखते जिस वजह से गैर खेल आयोजन के पश्चात मैदान कुछ दिन तक खेलने के योग्य नहीं रहता है ।यदि स्कूल प्रशासन आयोजकों को यह स्पष्ट
निर्देशित करें कि खेल मैदान का उपयोग पश्चात आपको पूरी तरह से मैदान को -दुरुस्त मरम्मत सुधार साफ-सफाई करके अच्छे से बना करके देना होगा और यदि आपके द्वारा इस प्रकार की व्यवस्था करके नहीं दी जाएगी तो हम खेल मैदान आपको उपलब्ध करने में असमर्थ है। यदि स्कूल प्रशासन चाहे तो इन सब के लिए राशि बतौर सुरक्षा निधि भी
जमा करा सकती है जिससे कि यदि आयोजक उस मैदान की साफ-सफाई ना करें गड्ढों को दुरुस्त ना करके मरम्मत आदि ना कर तो उस पैसे से वे उसकी मरम्मत दुरुस्त साफ-सफाई गड्ढा पटाई आदि काम कर सके। एवं मैदान खेलने की स्थिति में बन सके। जब भी कोई खेल आयोजन होता है तो उस मैदान पर नियमित खेलने वाले अभ्यास करने
वाले खिलाड़ी काफी दुखी होते हैं या यूं कहें कि उनका खेल गतिविधि आयोजन होने के पहले एवं बाद तक खेल नहीं पाते हैं वे अपने अभ्यास से दूर हो जाते हैं यही स्थिति करीबन सभी मैदानों पर होता है मैदान पर नियमित अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों का स्पष्ट कहना है कि खेल मैदान को किसी भी गैर खेल गतिविधि एवं आयोजन के लिए
यथासंभव नहीं देना चाहिए ।यदि देना नितांत आवश्यक हो तो मैदान को पूरी तरह साफ-सफाई मरम्मत एवं खेलने योग्य बना कर देना चाहिए खेल मैदानों पर खेल गतिविधि आयोजन की व्यवस्था कहीं और हो सकती है तो इन आयोजनों को उन स्थानों पर कराना ज्यादा श्रेयकर एवं उचित होगा
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