:रामनारायण गौतम:
सक्ती, राजा धर्मेंद्र सिंह ने अपने पिताजी के जन्म दिन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए याद किया.
उन्होने कहा मेरे पिता, पूर्व कैबिनेट मंत्री अविभाजित मध्य प्रदेश शासन और लाखों दिलों की
धड़कन स्वर्गीय राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह जी की जन्मतिथि है। एक बेटे के रूप में, आज मेरे लिए गर्व,
गम, और उनकी अनमोल यादों का दिन है।
वे सिर्फ छत्तीसगढ़ के नेता नहीं थे, एक प्रेरणा, एक मार्गदर्शक, और सबसे बड़े सखा थे। आपकी हर बात, हर सलाह, और वो प्यार भरी मुस्कान मेरे दिल में हमेशा जिंदा रहेगी। आपने मुझे सिखाया कि मेहनत, हिम्मत, और सच्चाई से कोई भी सपना असंभव नहीं होता है।

मैंने आपको देखा है, कैसे आप रात-दिन छत्तीसगढ़ और सक्ती की जनता के लिए जीते थे। गाँव-गाँव, घर-घर जाकर लोगों की बात सुनना, उनकी तकलीफों को अपनी समझना, और फिर उसे दूर करने के लिए जी-जान लगाना—ये आपका जुनून था। आप कहते थे, “मैं छत्तीसगढ़ का बेटा हूं, और ये माटी मेरा माई-बाप है।”
आपके सपनों का छत्तीसगढ़—जहां हर व्यक्ति को सम्मान, हर बच्चे को शिक्षा, और हर परिवार को खुशहाली मिले—आज भी मेरे लिए वो मंजिल है, जिसके लिए मैं हर दिन प्रयास करता हूं। आपकी छत्तीसगढ़ी ठाठ, आपकी हंसी, और वो जोश भरा भाषण देने का अंदाज़ आज भी मेरे कानों में गूंजता है।
पिताजी, आप भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आपकी सीख, आपके विचार, और आपका प्यार मेरे और छत्तीसगढ़ और सक्ती की जनता के दिलों में हमेशा रहेगा। मैं वादा करता हूं कि आपके सपनों को साकार करने के लिए, आपकी तरह ही, मैं भी पूरी मेहनत और निष्ठा से जुटा रहूंगा।