Raipur Breaking छत्तीसगढ़ी बोली-भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन पर केंद्रित रहा “आखर छत्तीसगढ़” का आयोजन
Raipur Breaking रायपुर । राजधानी रायपुर में आज एक दिवसीय आखर छत्तीसगढ़ सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश भर के छत्तीसगढ़ी साहित्यकार, लेखक, गीतकार और युवा रचनाकार शामिल हुए. यह सम्मेलन छत्तीसगढ़ी भाषा, बोली, साहित्य, गीत और संस्कृति को बढ़ावा देने और इसे जन जन तक पहुंचने के लिए यह सम्मेलन किया गया.
यह आयोजन प्रभा खैतान फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं अभिकल्प फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में छत्तीसगढ़ के साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की गई. कार्यक्रम आयोजक गौरव गिरिजा शुक्ला ने बताया की इस सम्मेलन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और अन्य आंचलिक बोली जैसे- सरगुजिहा, हल्बी, गोंडी, कुडुक, सदरी इत्यादि के साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन पर वैचारिक परिचर्चा करना और इसे आम लोगों तक पहुंचाना है उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी की जाएंगे.
उन्होंने कहा कि साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से आयोजित आखर छत्तीसगढ़ के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और हमारी आंचलिक बोलीयों के साहित्य और संस्कृति से परिचित होने का बेहतरीन अवसर है। साथ ही स्थानीय बोली-भाषाओं में लिखने वाले नए रचनाकारों के लिए प्रबुद्ध साहित्यकारों को सुनने एवं आत्मसात करने के लिए ऐसे कार्यक्रम आवश्यक हैं।
कार्यक्रम का समापन मशहूर पण्डवानी गायक चेतन देवांगन की प्रस्तुति के साथ हुआ।
इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. भारती बंधु, पद्मश्री मदन चौहान, पद्मश्री उषा बारले एवं संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित काशीराम साहू , फ़िल्म निर्माता सतीश जैन, शिवव्रत सिंह पावले, विजय सिंह दमाली, डॉ. सुधीर पाठक, जयमती कश्यप, शिव कुमार पाण्डेय, शकुंतला तरार, रुद्र नारायण पाणिग्रही, परदेशी राम वर्मा, रामेश्वर वैष्णव, मीर अली मीर, अरुण कुमार निगम, चितरंजन कर, राहुल सिंह, गीतेश अमरोहित, ईश्वर साहू बंधी, चंद्रहास साहू, मिनेश साहू, वैभव पाण्डेय बेमेतरिहा, आकाश महेश्वरी, नवीन देवांगन, संजीव तिवारी, मिनेंद्र चंद्राकर, रेणुका सिंह शामिल हुए।