Rahul Gandhi : राहुल ने शुरू की नई परंपरा

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Rahul Gandhi : राहुल ने शुरू की नई परंपरा

Rahul Gandhi राहुल गांधी ने राजनीति की नई परंपरा शुरू की है। वे भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि सदैव अटल पर गए और उनको श्रद्धांजलि दी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता किसी भाजपा नेता की समाधि पर नहीं जाते थे।

Rahul Gandh  भाजपा के नेता भी कांग्रेस नेताओं की समाधि पर नहीं जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी पार्टी का कोई नेता पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी या राजीव गांधी की समाधि पर नहीं जाता है।

इसलिए राहुल गांधी का अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर जाना एक बड़ा राजनीतिक कदम है। यह सिर्फ दिखावे का कदम नहीं है, बल्कि बहुत सोच समझ कर उठाया गया है।

कांग्रेस के एक जानकार नेता का कहना है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी पिछले कुछ समय से कांग्रेस नेताओं को अपना बनाने में लगी है उसी तरह का प्रयास कांग्रेस ने शुरू किया है।

ध्यान रहे भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गजों, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय आदि को अपनाया है उसी तरह कांग्रेस की नजर लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी पर है। इसमें भी वाजपेयी पर खासतौर से है क्योंकि वे घोषित रूप से नेहरूवादी माने जाते हैं।

Rahul Gandh बहरहाल, कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि देर होने की वजह से शनिवार का कार्यक्रम स्थगित नहीं हुआ था, बल्कि खास कारण से राहुल गांधी शनिवार की शाम को महापुरुषों की समाधि पर नहीं गए थे। ध्यान रहे रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती थी।

इसलिए यह तय हुआ है कि राहुल उनकी जयंती के दिन ही उनकी समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि दें। इससे अलग मैसेज जाएगा।

पहला मैसेज तो यह है कि राहुल नफरत मिटा रहे हैं और अपनी तीन हजार किलोमीटर की यात्रा से उन्होंने मोहब्बत का सबक लिया है। दूसरा मैसेज यह है कि वाजपेयी वाली भाजपा के विचार कांग्रेस से मिलते थे। कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है।

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