:राजेश राज गुप्ता:
कोरिया: बिना विद्यालय गए ही सहायक शिक्षक का मिल रहा वेतन जबकी विघालय के उपस्थिति रजिस्टर में शिक्षक के हस्ताक्षर की जगह को निरंक छोड़ा गया है।
पूरा मामला एमसीबी जिले के विकासखंड भरतपुर अंतर्गत ग्रामपंचायत लावाहोरी में स्थित प्राथमिक शाला लावाहोरी का है। इस विद्यालय में कुल 45 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है। विद्यालय में दो शिक्षक पदस्थ है। जिसमें एक प्रधान पाठक और दूसरा सहायक शिक्षक नारेंद्र कुमार मिल्पा है ।

15 जून से विद्यालय खुल गए थे इसके बाद भी मात्र आठ दिन का ही हस्ताक्षर रजिस्टर में है 25 जून से लेकर जुलाई महीने तक सहायक शिक्षक नारेंद्र कुमार मिल्पा एक भी दिन विद्यालय नहीं गए मगर उनकी पमेंट उनके खाते में चली गई। जो एक गंभीर विषय है। यहां पर देखने वाली बात यह भी है कि उपस्थिति रजिस्टर में प्रधान पाठक के द्वारा अनुपस्थित शिक्षक का पुरे महीने एक भी दिन रजिस्टर पर अनुपस्थित नहीं लिखा गया है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जानकारी लेने पर पता चला की 15 जून से 15 जुलाई तक का बेतन पत्रक दिया गया है जिसमें मात्र 6 दिन का पेमेंट रोक गया है। जब की सहायक शिक्षक नारेंद्र कुमार मिल्पा 15 जून से लेकर 15 जुलाई तक में मात्र 8 दिन ही विद्यालय के रजिस्टर में हस्ताक्षर हैं। फिर भी प्रधानपाठक गंगा प्रसाद सिंह ने वेतन पत्रक में सहायक शिक्षक नारेन्द्र कुमार मिल्पा का पेमेंट बनाकर भेज दिया।
प्राथमिक शाला लावाहोरी के प्रधान पाठक गंगा प्रसाद सिंह ने 30 जुलाई 2025 को विघालय परिसर में बताया था की नरेंद्र कुमार मिल्पा इसी सत्र में हमारे विद्यालय में पदस्त हुए है। तब से लेकर आज 30 जुलाई तक मात्र 8 दिन ही विद्यालय आए हैं। जिसकी जानकारी मेरे द्वारा संकुल समन्वयक को दिया गया है।

मामले में ग्रामीणों का कहना है कि लावाहोरी स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हैं जिसमें एक शिक्षक कभी विद्यालय नहीं आते हैं जिसके कारण कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवीं तक के छात्र एक ही कमरे में बैठकर एक ही शिक्षक के भरोसे पढ़ने को मजबूर हैं और यदि सहायक शिक्षक नारेन्द्र कुमार मिल्पा का पेमेंट दिया जा रहा है तो गलत है और इसकी जांच होनी चाहिए कि पेमेंट कैसे मिल रहा है।
वही सहायक शिक्षक नागेन्द्र कुमार मिल्पा का पेमेंट निकलने के बाद प्रधानपाठक लावाहोरी गंगा प्रसाद सिंह से कई बार मोबाइल के माध्यम से संपर्क करना चाहा मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया और कुछ समय बाद प्रधानपाठक का मोबाइल कवरेज क्षेत्र के बाहर बताने लगा।
मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी भरतपुर इस्माइल खान ने कहा की कर्मचारियों का वेतन विद्यालय से आए हुए वेतन पत्रक (पे डाटा) के हिसाब से बनता है वेतन पत्रक प्रधान पाठक के द्वारा बनाकर भेजा जाता है। यदि कहीं गड़बड़ी हुई है तो कल उपस्थिति रजिस्टर मंगवा कर जांच करवाता हूं ।