:राजेश राज गुप्ता:
कोरिया। सोनहत वन परिक्षेत्र कार्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर कचरे
का अंबार देखने को मिला है। जगह-जगह फैला प्लास्टिक, शराब की बोतलें,
गुटखा के पाउच और घरेलू कचरा यहां न केवल
बदबू फैला रहा है बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए भी खतरा बन गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग कार्यालय के इतने नजदीक गंदगी और कचरे का जमाव होना विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। यह क्षेत्र तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है, जहां देश-विदेश से पर्यटक भी आते हैं। ऐसे में इस तरह का नजारा पर्यटन की छवि को भी धूमिल करता है।

ग्रामीणों का आरोप है कि न तो वन विभाग और न ही स्थानीय निकाय इस ओर ध्यान दे रहे हैं। लंबे समय से कचरा इकट्ठा होता जा रहा है और धीरे-धीरे यह जगह डंपिंग ग्राउंड का रूप लेती जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक और शराब की बोतलें वन्यजीवों के लिए घातक साबित हो सकती हैं। कई बार जंगली जानवर खाने की तलाश में ऐसे कचरे के ढेर तक पहुंच जाते हैं और उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

फिलहाल ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने मांग की है कि प्रशासन और वन विभाग तत्काल इस कचरे की सफाई कराए और भविष्य में ऐसी समस्या न हो इसके लिए ठोस कदम उठाए।