Prevention From Swine Flu : स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए दवाइयां ही हैं कारगर, झाड़-फूंक नहीं
Prevention From Swine Flu : कबीरधाम। राज्य के कुछ जिलों में स्वाइन फ्लू की दस्तक होने पर स्वास्थ्य विभाग ने जिले की जनता को सजग करते हुए अलर्ट जारी किया है।
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स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में लोगों से सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, उल्टी-दस्त आदि की शिकायत होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने तथा स्वाइन फ्लू की जांच कराने की अपील की जा रही है।
विभिन्न क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है तथा इससे बचाव के लिए लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसी बीच स्वाइन फ्लू से बचाव के प्रयासों को प्राथमिकता में रखकर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की सीमा से सटे कबीरधाम
जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही यहां के विभिन्न अस्पतालों में स्वाइन फ्लू जांच केंद्र भी बनाए गए हैं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुजॉय मुखर्जी ने बतायाः एच1एन1 वायरस अन्य
रेगुलर ह्यूमन फ्लू वायरस की ही तरह है जो फ्लू सीजन में लोगों को अधिक प्रभावित करता है। एच1एन1 टाइप ए इन्फ्लूएंजा एक वायरल इंफेक्शन है जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला था। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में
भी फैल सकता है। इसीलिए सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द या उल्टी-दस्त सहित किसी भी रूप में स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रतीत होने पर इन लक्षणों को सामान्य मानकर घरेलू उपचार या झाड़-फूंक करके समय नहीं गंवाना चाहिए, बल्कि तत्काल
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए तथा विशेषकर सबसे पहले स्वाइन फ्लू जांच कराना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द राहत पाई जा सके।
संक्रमण से बचाव के लिए मास्क ही सबसे बेहतर उपाय
सीएमएचओ डॉ. मुखर्जी ने आगे बतायाः फ्लू सीजन में बुनियादी स्वच्छता का ख्याल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। स्वाइन फ्लू के कई मामले गर्मी और मानसून सीजन में बढ़ जाते हैं।
हालांकि, इस बीमारी से बचाव के लिए विभिन्न टीकों के साथ ही कई तरह के एंटीवायरल ट्रीटमेंट भी मौजूद हैं। इन सभी में बेहतर यही होता है कि इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाए।
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यह है स्वाइन फ्लू
कोविड-19, वायरल फीवर आदि के लक्षण इंफ्यूएंजा से आपस में काफी मिलते-जुलते हैं। इसमें बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, दस्त, खांसी और छींक आने जैसे लक्षण शामिल हैं।
स्वाइन फ्लू या एच1एन1 इन्फ्लूएंजा ए वायरस ने पहली बार 2009 में इंसानों को प्रभावित किया था और डब्ल्यूएचओ ने 2010 में इसे महामारी घोषित किया था। हालांकि, विश्व स्तर पर अब लोगों ने इस वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर ली है। ऐसे में इस वायरस से अब आसानी से बचाव संभव है।