award return: अवॉर्ड वापसी पर लगाम लगाने की तैयारी

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पार्लियामेंट्री कमेटी बोली- पुरस्कार पाने वाले कैंडिडेट से शपथ लें, वे अवॉर्ड नहीं लौटाएंगे

नई दिल्ली। देश में पिछले कुछ साल से अवॉर्ड वापसी का चलन काफी तेज हुआ है। इस पर लगाम लगाने के लिए पार्लियामेंट्री कमेटी ने अंडरटेकिंग फॉर्म भरवाने की सिफारिश की है। कमेटी का कहना है कि अवॉर्ड पाने वाले विजेताओं से पहले ही फॉर्म पर सिग्नेचर करवा लिए जाएं कि वे भविष्य में अपना अवॉर्ड नहीं लौटाएंगे। कमेटी ने अवॉर्ड वापसी के मुद्दे को देश का अपमान बताया है। इससे पुरस्कारों की साख पर असर पड़ रहा है।

इस कमेटी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 मेंबर शामिल हैं। संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी संसद की इस स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद व वायएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी विजयसाय रेड्डी हैं।

अवॉर्ड का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए

पार्लियामेंट्री कमेटी ने साल 2015 में कर्नाटक के प्रख्यात लेखक कलबुर्गी के मर्डर के बाद अवॉर्ड वापसी मामले का भी जिक्र किया। उसने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है। हमारा संविधान हर नागरिक को भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी देता है। संविधान प्रोटेस्ट की भी आजादी देता है, लेकिन पुरस्कार लौटाना विरोध का एक तरीका बन रहा है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। कमेटी ने कहा कि कोई भी संगठन किसी को सम्मान के तौर पर अवॉर्ड देता है। इसलिए इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। कई बार देखा गया है कि लोग सरकार से सहमत नहीं होते तो अवॉर्ड वापस करने की बात करने लगते हैं। इसी वजह से विजेताओं से अंडरटेकिंग फॉर्म भरवाना चाहिए, ताकि कोई राजनीतिक कारण से इसे वापस न करे।

कमेटी की 2 बड़ी बातें

किसी भी संगठन की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार किसी कलाकार का सम्मान करते हैं और इसमें राजनीति के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। जब भी कोई पुरस्कार दिया जाए तो प्राप्तकर्ता की सहमति ली जानी चाहिए, ताकि वे किसी राजनीतिक कारण से इसे वापस न करें।

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