दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया की कृषि मंडी में इन दिनों अव्यवस्थाओं ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक ओर फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, तो दूसरी ओर समय पर बोली न लगने के कारण किसानों को मंडी में ही रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई व्यापारी मनमाने तरीके से खरीदारी की बात कर रहे हैं, जिससे किसान और परेशान हैं।

किसानों का पूरा दिन सिर्फ इस उम्मीद में बीत जाता है कि उनकी फसल की सही बोली लगे और समय पर बिक्री हो जाए, लेकिन हकीकत इसके उलट है। दूर-दराज के इलाकों से धान लेकर पहुंचे किसानों को मंडी में दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान कड़ाके की ठंड किसानों पर कहर बनकर टूट रही है।
रात के समय किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में ही बैठकर फसल की रखवाली करते हैं और वहीं लेटकर जागते हुए रात बिताते हैं। न मंडी परिसर में अलाव की कोई व्यवस्था है और न ही भोजन या अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालात ऐसे हैं कि ठंड के साथ-साथ आवारा जानवरों का डर भी किसानों को रातभर सताता रहता है।
हैरानी की बात यह है कि मंडी परिसर में किसान विश्राम गृह मौजूद होने के बावजूद उस पर ताला लटका हुआ है। प्रशासन की ओर से रात के समय किसानों के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अन्नदाता आखिर अपनी पीड़ा लेकर जाए तो कहां जाए?