Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री

Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री
Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री
Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री

Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री

Politics News : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर और आर्यन खान ड्रग्स मामले से विवादों में रहे समीर वानखेड़े जल्द ही राजनीति में नई शुरुआत कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, समीर वानखेड़े महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से अपने राजनीतिक पारी का आगाज कर सकते हैं. वह वाशिम सीट से लड़ सकते हैं.

Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री
Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री

https://jandhara24.com/news/158160/use-of-google/

Politics News :  ये साफ नहीं हो पाया है कि वह कौनसी पार्टी से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं.

बता दें कि समीर वानखेड़े के नेतृत्व में एनसीबी ने 2 अक्टूबर, 2021 को मुंबई बंदरगाह से दूर एक क्रूज जहाज पर एक हाई-प्रोफाइल छापेमारी की थी और बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया था.

करीब तीन हफ्ते जेल में बिताने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. पिछले साल मई में एनसीबी ने आर्यन खान समेत छह लोगों के खिलाफ ड्रग रखने के आरोप हटा दिए थे.

Recruitment on various posts in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में विभिन्न पदों पर भर्तियां जारी

एक बड़े विवाद के बाद, दिल्ली से एनसीबी की एक टीम ने जांच अपने हाथ में ले ली और वानखेड़े का तबादला कर दिया गया. इस केस से जुड़ी एक रिपोर्ट भी आई थी जिसमें बताया गया कि कैसे आर्यन खान को जानबूझकर पूरे मामले में निशाना बनाया गया था,

Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री
Politics News : सुशांत और आर्यन केस से चर्चा में आए समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री

जिस घटिया तरीके से क्रूजर ड्रग्स मामले की पूरी जांच की गई थी, जिसमें संवेदनशील मामले को सौंपे गए एनसीबी अधिकारियों द्वारा की गई जांच में कई कमियां थीं.

जाहिर है, पर्याप्त सबूत नहीं होने के बावजूद जांच को आगे बढ़ाया गया था और लगभग पांच दर्जन लोगों के बयान कई बार दर्ज किए गए. एनसीबी सूत्रों ने कहा कि इस मामले में करीब 7-8 अधिकारियों का आचरण संदिग्ध पाया गया और कुछ अन्य मादक पदार्थों का भंडाफोड़ हुआ, जिसके लिए विभागीय जांच की सिफारिश की गई.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU