CG News: “छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए कस्टम मिलिंग घोटाले की घटना के पीछे के अद्वितीय पहलुओं का खुलासा” छत्तीसगढ़ के राजनैतिक समीकरण में हलचल और व्यापारिक गतिविधियों में आए बदलाव की रेखा एक और महत्वपूर्ण पल में उभरी है, जब ईडी ने मंगलवार को खाद्य विभाग के पूर्व विशेष सचिव और मार्कफेड एमडी मनोज सोनी को कस्टम मिलिंग घोटाले के अंदर हिरासत में लिया। यह कदम गहरे संदेहों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक नया मोड़ हो सकता है।
कस्टम मिलिंग घोटाले के मामले में इस साल की शुरुआत में जब प्रकट हुआ, तो यह राजनीतिक दलों और सार्वजनिक जीवन में हलचल मचा दिया। घोटाले के दावेदारों के खिलाफ ईडी की कड़ी कार्रवाई इसे और भी गंभीर बना देती है। मनोज सोनी को खाद्य विभाग के विशेष सचिव के रूप में लंबे समय तक सेवा करते हुए देखा गया था, और उनका एमडी के पद पर नियुक्त होना उनकी उत्कृष्ट प्रशिक्षण और अनुभव का परिणाम था। लेकिन, इस अवैध कार्यवाही के मामले में उनका सम्बन्ध नए आलोचकों और संदेहों के घेरे में आने का कारण बन गया है।
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घोटाले के बड़े आरोपियों के रूप में मनोज सोनी का नाम सामने आना राजनैतिक दलों और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ी झटका है। उन्हें राजनीतिक विश्वास के क्षेत्र में उच्च स्थान पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप में विश्वास करने के लिए परेशानी हो सकती है।
इस मामले में ईडी की जांच के दौरान अन्य नामों के भी सामने आने की संभावना है। राजनैतिक दलों के साथ ही राइस मिलरों और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
मनोज सोनी के खिलाफ किये गए गंभीर आरोपों के बावजूद, उनके समर्थक और राजनैतिक संबंधित व्यक्तियों ने उनके पक्ष में खड़ा होने का संकेत दिया है। वे उनके निष्क्रियता को राजनीतिक साजिश का हिस्सा मान रहे हैं और इसे उनके खिलाफ एक प्रयो
ग देख रहे हैं।
इस तरह के मामलों में ईडी और अन्य संबंधित एजेंसियों के कठिन परिश्रम और तत्परता से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह घटना राजनीतिक पारिस्थितिकी में एक महत्वपूर्ण उबार बना सकती है, और यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए नई सार्थक दिशा स्थापित कर सकती है।