धूल व डस्ट की मोटी परतें चढ़ी घरों में
:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- सरायपाली से सारंगढ़ मार्ग पर चौड़ीकरण का कार्य आज वर्षों से चल रहा है । महीने दो महीने काम करने के बाद ठेकेदार काम छोड़कर भाग जाने के कारण मात्र 40किलोमीटर अल्प दूरी वाली यह मार्ग वर्षों बाद भी आगे नहीं बढ़ पा रहा है । ले दे के कार्य भी चालू हुआ है तो निर्माण कार्यों की गति इतनी धीमी है कि उसे पूर्ण होने में ही 2-3 वर्ष और लग जाने की संभावना दिखाई दे रही है ।

ज्ञातव्य हो कि सरायपाली से रायगढ़ के बीच 90 किलोमीटर के सड़क के लिए 4-5 बार ठेकेदार बदल चुके । एक ठेकेदार आता है थोड़ा काम करता है फिर काम छोड़ देता है । यह प्रक्रिया पिछले 6- 7 वर्षों से चल रही है । आधे अधूरे कार्यों से ग्रामीणों को काफी परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है । कंकड़ युक्त धूल से पूरी सड़के व गांव धूल से सराबोर हो रहा है । जिससे दमा व श्वास के रोगी बढ़ रहे हैं तो वहीं घरों , दुकानों वाहनों में डस्ट व धूल की काफी मोटी परतें बन रही है । धूल व डस्ट इतना की प्रतिदिन सफाई करना भी संभव नहीं है । प्रतिदिन के उपयोग में आने वाली सामग्रियों व खानपान की चीजों में भी धूल पहुंचने से इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है ।
इस संबंध में प्रभावित ग्राम बोंदा, पाटसेंद्री , नवरंगपुर , बोडेसरा , जलपुर , केदुवा , बीजतीपाली, नवागढ़ व अन्य सड़क किनारे बसे ग्राम के ग्रामीणों ने बताया कि सरकार व विभाग की लापरवाही का नुकसान हमें उठाना पड़ रहा है । सरायपाली से लेकर सारंगढ़ सीमा तक की लगभग 25 किलोमीटर की सड़क आज वर्षों से ऐसे ही पड़ी है जगह जगह बड़े बड़े गड्ढे के कारण लगभग नहीं है । आधी अधूरी सड़क निर्माण के कारण उद रहे धूल वी कंकड़ से हम सभी परेशान है ।

इस सड़क पर वाहन चलाना भी बेहद मुश्किल हो गया है । शरीर में धूल इतनी जम जाती है कि हमें घर आकर नहाना आवश्यक हो जाता है । सड़क में चलना भी दूभर हो गया है । पाटसेंद्री के आगे बन रहा ब्रिज भी आज वर्षों बाद अधूरा पड़ा है ।पूर्व ठेकेदार द्वारा खंभे लगाने के बाद उस पर अभी तक कोई निर्माण कार्य नहीं हो सका है । 25 किलोमीटर की दूरी तय करने में ही डेढ़ घंटे का समय लगता है वह भी खतरनाक व जोखिम उठाकर चलना मजबूरी हो गई है । दुखद यह है कि इस समस्या के निदान के लिए न सरकार न ही संबंधित विभाग और न ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि गंभीर हैं । इस सड़क निर्माण के लिए दो बार चक्काजाम भी किया गया पे इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया ।

सड़क निर्माण के ठेकेदार द्वारा सड़क के गड्ढों को भरे जाने हेतु सीमेंटयुक्त डस्ट का उपयोग किया जा रहा है । सूखने के बाद बहुत ही अधिक मात्रा में धूल उड़ने से सड़क में दिखाई देना बंद हो जाता है ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है । अभी सरायपाली से सीमा तक सड़क के दोनों तरफ नाली का निर्माण किया जा रहा है । सड़क में डस्ट डालने के बाद पानी का छिड़काव नहीं होने से अत्यधिक धूल उद रही है ।
बिन ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त करते हुवे कहा कि यदि शीघ्र ही सड़क निर्माण पूर्ण नहीं किया गया व धूलमुक्त नहीं किए जाने की स्थिति में पुनः चक्काजाम किए जाने हेतु उन्हें मजबूर होना पड़ेगा ।
