:राजकुमार मल:
भाटापारा: टाईट है ओल्ड जूट बैग। टाईट ही रहेगा। यह पक्की धारणा इसलिए बन रही है
क्योंकि मांग की तुलना में आपूर्ति लगभग 50 फ़ीसदी कम है।
था 20 से 22 रुपए प्रति नग। है 25 रुपए प्रति नग। यह कीमत आंशिक रफू बारदाना
में बोली जा रही है, जिसकी मांग ने दस्तक दे दी है।
कीमत बढ़ सकती है। आपूर्ति घट सकती है ओल्ड जूट बैग
की क्योंकि सीजन की शुरुआत ही शॉर्टेज के बीच हो रही है।

आपूर्ति में इसलिए गिरावट
जूट की खेती इस बार पश्चिम बंगाल में बेहद कमजोर रही। फलतः बारदाना बनाने वाली ईकाइयों का संचालन कमजोर है। तैयार नए बारदाने की ज्यादातर बिक्री निर्यातक देशों को की जा रही है। इसलिए घरेलू बाजार की जरूरतें ओल्ड जूट बैग से पूरी की जा रही है। यह स्थिति पूरे साल बनी रह सकती है। इससे पुराने बैग अंत तक तेज कीमत पर खरीदे जा सकेंगे क्योंकि देश में खरीफ फसल के लिए बारदाने की मांग निकली हुई है।

डिमांड इन जिलों से
बेमेतरा, मुंगेली और कोरबा ऐसे जिले हैं, जो शहर से ही ओल्ड जूट बैग की होलसेल खरीदी करते हैं। इसके अलावा बिलासपुर और सारंगढ़ जिले की भी ज़रूरतें अपना शहर पूरी करता है। मांग इन सभी जिलों से निकलने लगी है। मात्रा भले ही कम बोली जा रही है लेकिन दोगुनी बढ़त की संभावना इसलिए बन रही है क्योंकि फसल इन जिलों में जोरदार बताई जा रही है।

ऐसे हैं भाव
आंशिक रफू किए गए जूट के बारदाने की प्रति नग कीमत 25 रुपए पर जा पहुंची है। दो बार उपयोग किये जा चुके बारदाने की कीमत बारदाना बाजार ने फिलहाल खोली नहीं है क्योंकि डिमांड रफू किए गए बारदाने में ही निकली हुई है। अलबत्ता शक्कर, आटा, सूजी और मैदा के प्लास्टिक बैग 5 से 10 रुपए नग पर स्थिर हैं। डिमांड की बात करें, तो इन सभी बैग का खाता अभी तक नहीं खुला है।