वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया निश्चित रूप से न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है और अब अमेरिका भी ऐसा ही करेगा क्योंकि दूसरे देश लगातार परीक्षण कर रहे हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने कहा कि दुनिया के कई देश परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इस बारे में खुलकर बात नहीं करते। उन्होंने कहा, “रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इसे सार्वजनिक नहीं करते। हम एक खुला समाज हैं, इसलिए हमें इस पर बात करनी पड़ती है, वरना मीडिया खुद रिपोर्ट कर देता है। उनके पास ऐसे पत्रकार नहीं हैं जो इस बारे में लिखें।”
ट्रंप ने आगे कहा कि उत्तर कोरिया और पाकिस्तान भी परमाणु बम का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम भी परीक्षण करेंगे क्योंकि दूसरे देश ऐसा कर रहे हैं। निश्चित रूप से उत्तर कोरिया और पाकिस्तान परीक्षण कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान की आधिकारिक घोषणा के अनुसार, उसने 1998 में आखिरी बार परमाणु परीक्षण किया था। हालांकि, ट्रंप के इस दावे से संकेत मिलते हैं कि पाकिस्तान अब भी गुप्त रूप से परीक्षण कर रहा है। ट्रंप ने रूस और चीन पर भी आरोप लगाया कि दोनों देश लंबे समय से भूमिगत परमाणु परीक्षण करते आ रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी न्यूज चैनल सीबीएस के ‘60 मिनट्स’ कार्यक्रम में कहा कि रूस और उत्तर कोरिया भी अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उन्होंने 33 साल के प्रतिबंध के बाद अमेरिकी सेना को परमाणु परीक्षण शुरू करने की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा, “परमाणु संपन्न देश कभी खुलकर नहीं बताते कि वे परीक्षण कर रहे हैं। वे जमीन के नीचे टेस्ट करते हैं, जिससे लोगों को केवल हल्का कंपन महसूस होता है, लेकिन असल में पता नहीं चलता कि हो क्या रहा है।”
33 साल बाद अमेरिका करेगा परमाणु परीक्षण
संयुक्त राज्य अमेरिका 33 साल बाद एक बार फिर परमाणु परीक्षण शुरू करने जा रहा है। अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परीक्षण किया था, जिसके बाद शीत युद्ध का अंत घोषित किया गया था।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने पेंटागन को निर्देश दिया है कि रूस और चीन की गतिविधियों के जवाब में अमेरिका भी “समान स्तर पर” अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करे। उन्होंने कहा कि रूस नए न्यूक्लियर सिस्टम का परीक्षण कर रहा है और चीन लगातार बैलिस्टिक मिसाइल साइलो की तैनाती कर रहा है, इसलिए अब अमेरिका को भी कदम उठाना जरूरी हो गया है।