Medicinal properties : औषधिय गुणों के खुलासे के बाद चौतरफा मांग का दबाव पड़ने जा रहा छत्तीसगढ़ पर,जानिए

Medicinal properties :

राजकुमार मल

Medicinal properties : पत्तियां कसैली, इसलिए कीट प्रकोप और चराई नहीं , जरूरत संरक्षण और संवर्धन की

Medicinal properties : भाटापारा शरीफा का पेड़ : इसमें कीट प्रकोप नहीं होता।कसैली होती हैं पत्तियां। इसलिए जानवर भी दूरी बनाकर रखते हैं।

मौसम है बोनी का। यदि तैयार हैं पौधे तो रोपण का सबसे उपयुक्त अवसर है क्योंकि औषधिय गुणों के खुलासे के बाद देश से चौतरफा मांग का दबाव छत्तीसगढ़ पर पड़ने जा रहा है।

Medicinal properties : कीट प्रकोप और चराई इस समय सबसे बड़ी समस्या है।धान,दलहन,तिलहन, सब्जी और फलों की खेती करने वाला किसान पूरे साल इनका सामना करता है।

लिहाजा वानिकी वैज्ञानिकों ने इन दोनों समस्या से निजात दिलाने वाले फल की ऐसी प्रजाति खोज निकाली है जिसे न ज्यादा सिंचाई की जरुरत होती है, न उर्वरक ही लगते है।

कीट प्रकोप और चराई जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने वाली फल की यह प्रजाति बेहद हल्की जमीन पर भी सफलता के साथ तैयार हो जाती है।

Medicinal properties : अनोखा गुण

शरीफा, कस्टर्ड एप्पल,और शुगर एप्पल के नाम पहचाने जाने वाले इस फल को अपने राज्य में सीताफल के नाम से जाना जाता है।रिसर्च के बाद इसकी पत्तियों और टहनियों में ऐसे तत्व की मौजूदगी की जानकारी मिली है, जिसकी वजह से इससे कीट दूर रहते हैं।पत्तियां कसैली होतीं हैं इसलिए जानवर भी नहीं खाते।इसे बेहद अनोखा और लाभदायक गुण माना जाता है क्योंकि कीट प्रकोप और चराई किसी भी फसल के लिए बड़ी समस्या है।

रफ एंड टफ जमीन पर भी

दोमट मिट्टी में तैयार होने वाला सीताफल का पौधा कमजोर और पथरीली भूमि में भी खुद को तैयार कर लेता है।अच्छी जल निकासी वाली भूमि में शीघ्र तैयार होने वाली यह प्रजाति सूखा सहनशील है।अनुसंधान में इसे 15 से 40 दिन में एक बार सिंचाई को काफी माना गया है। इसके लिए मिट्टी का पी एच मान 5.5 से लेकर 7 के बीच बेहतर होगा ।ऐसी भूमि में यह बेहतर उत्पादन देता है।

Medicinal properties : दो साल में उत्पादन

बोनी या रोपण के बाद उचित देख-रेख से दो साल की अवधि में इसमें फल आने लगते हैं।प्रथम वर्ष में 40 से 60 फल मिलते हैं जो बाद की अवधि में 100 फल प्रति वर्ष तक पहुंच जाते हैं।आमतौर पर इसकी बाजार कीमत 80 रुपये किलो से शुरु होती है,जो बढ़ती मांग के बीच 100 रुपये किलो तक पहुंच जाती है।

Medicinal properties : छत्तीसगढ़ प्रमुख उत्पादक राज्य

also read : https://jandhara24.com/news/107339/cbse-result-2022-class-12th-class-12th-result-can-be-seen-on-this-website-cbseresults-nic-in/

देश में सीताफल की खेती झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम और आंध्रप्रदेश में होती है लेकिन देश की मांग पूरी करने में छत्तीसगढ़ इस समय शिखर पर बना हुआ है क्योंकि उत्पादन में हम अव्वल नंबर पर हैं।अपने प्रदेश का गौरेला,पेंड्रा और मरवाही के साथ तखतपुर के ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां से सबसे ज्यादा मात्रा में सीताफल का निर्यात होता है।

हेल्थ प्रॉब्लम करता है दूर

also read : Breaking – National Stock Exchange : सेंसेक्स 57 हजार और निफ्टी 17 हजार अंक के पार

सीताफल की तासीर ठंडी होती है। इसमें कैल्शियम और फाइबर जैसे न्यूट्रिएंट्स की मात्रा अधिक होती है, जो अर्थराइटिस और कब्ज जैसी प्रॉब्लम से बचाने में मदद करता है।

साथ ही इसके पेड़ की छाल में टेनिन होता है। जिसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता है। इसकी पत्तियों से कैंसर और ट्यूमर जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है।

– डॉ अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU