:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली : जनजातीय गौरव दिवस एवं जननायक बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर ग्राम जोगनिपाली में सर्व आदिवासी समाज जोगनिपाली तथा माता सावित्रीबाई फुले महिला समूह के संयुक्त तत्वावधान में भव्य कार्यक्रम एवं वीर बिरसा मुंडा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जनजातीय अस्मिता, गौरव एवं समाज की एकता का अद्भुत संदेश देने वाला रहा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जयदेव भोई, प्रांताध्यक्ष आदिवासी समाज, उपस्थित रहे। अध्यक्षता अनिता चौधरी राष्ट्रीय सदस्य—मानवाधिकार आयोग, ने की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व सदस्य उर्मिला खाखा ,ग्राम पंचायत जोगनीपाली की सरपंच शिवकुमारी महेंद्र चौधरी, अमृतलाल पटेल, रोशन भोई (सवरा समाज जिला कोषाध्यक्ष) तथा जनजाति प्रांतीय पुरोहित चैत्रराम भोई कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन राम कुमार निषाद द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम की सफलता में जगदीश पटेल, लक्ष्मी प्रसाद पटेल, कुबेर चरण चौधरी, शोभा चौधरी, गंगाबाई सिदार, शकुंतला चौधरी,प्रीति साहू, महेंद्र चौधरी , प्रियंका यादव, लीला सिदार, रानी जगत, चुमनलाल चौधरी , दुलकु प्रधान का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

समारोह में क्षेत्र में उत्कृष्ट,अतुलनीय एवं समाजहित में निरंतर योगदान दे रहे 12 महान विभूतियों को वीर बिरसा मुंडा सम्मान से सम्मानित किया गया जिनमे आलेख भोई, श्रद्धाराम सिदार, जगमोहन सिदार, सिंधु जगत , गंगाबाई सिदार, दुर्गा सिंह नेताम, देव ठाकुर , रोशन भोई, मनोज सिदार, भूमिका सिदार व् ललिता सिदार सभी विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में जनसेवा, सामाजिक उत्थान, शिक्षा, संस्कृति, जनजातीय परंपरा संरक्षण तथा समाज के सशक्तिकरण में उत्कृष्ट योगदान देते हुए एक मिसाल कायम की है। सम्मान के दौरान उन्हें बिरसा मुंडा की वीरगाथाओं पर आधारित प्रेरणादायक संदेश भी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष, उनकी वीरता, जल-जंगल-जमीन की रक्षा के अदम्य साहस एवं उनके राष्ट्रनिर्माण में किए गए योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने उन्हें युवा पीढ़ी के लिए महान प्रेरणा बताया। मुख्य अतिथि एवं अन्य विशिष्ट वक्ताओं ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी विरासत, संस्कृति और संघर्षों को याद करने का अवसर है। उन्होंने समाज की एकजुटता, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक जागरूकता को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। पूरे आयोजन ने जोगनिपाली में राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना की नई प्रेरणा का संचार किया।