संगठन सृजन अभियान: पर्यवेक्षक विवेक बंसल ने ली कार्यकर्ताओं की राय

सक्ती जिले के लिए पर्यवेक्षक के रूप में अलीगढ़ के पूर्व विधायक विवेक बंसल को भेजा गया है। उनके साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी की ओर से पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक जनक ध्रुव और पूर्व राज्यसभा सांसद इंग्रिड मेक्लाउड को सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

शहर के वासु रिसॉर्ट होटल में दो दिनों तक चली बैठक में जिले के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, विधायक चंद्रपुर रामकुमार यादव, पूर्व मंत्री नोवेल वर्मा, चैन सिंह सामले, जिला कांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल, पंचायत प्रतिनिधि, नगर पालिका-पार्षद, विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, सामाजिक संगठन, और अधिवक्ता संघों के प्रतिनिधि शामिल थे।

बैठक में दावेदारी करने वाले कांग्रेसजनों और उनके समर्थकों का भी भारी जमावड़ा रहा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट कहा कि —

“अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मंशा है कि जिलाध्यक्ष कार्यकर्ताओं के बीच से चुना जाए। इसमें मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। सभी कांग्रेसजन एक परिवार की तरह हैं।”

पर्यवेक्षक विवेक बंसल ने बताया कि वे सक्ती के अलावा मालखरौदा, डभरा, हसौद और जैजैपुर क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं एवं सामाजिक संगठनों से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकमान को भेजेंगे। रिपोर्ट में छह प्रमुख दावेदारों के नाम शामिल किए जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, अब तक 25 से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम अधिवक्ता गिरधर जायसवाल का उभरकर सामने आया है। अधिकांश कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों, अधिवक्ता संघ, व्यापारी संगठन और मीडिया प्रतिनिधियों ने गिरधर जायसवाल का नाम सुझाया है।

गिरधर जायसवाल पेशे से अधिवक्ता हैं और कांग्रेस की राजनीति में पिछले 35 वर्षों से सक्रिय हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र संगठन से की, और सेवादल, युवक कांग्रेस सहित कई पदों पर कार्य किया है। वर्तमान में वे कलार समाज के जिलाध्यक्ष भी हैं और डॉ. चरणदास महंत के करीबी समर्थक माने जाते हैं।

गिरधर जायसवाल ने कहा —

“पार्टी जिसे भी जिलाध्यक्ष बनाए, हम सब मिलकर कांग्रेस को मजबूत करने का काम करेंगे। मैं उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने पर्यवेक्षक और हमारे नेता डॉ. महंत के पास मेरे नाम का प्रस्ताव रखा। मैं खुद को केवल एक कांग्रेस कार्यकर्ता मानता हूं — और इससे बड़ा कोई पद नहीं होता।”

संगठन सृजन अभियान के तहत सक्ती जिले में हुई यह कवायद कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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