सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। यह आंदोलन 18 अगस्त से लगातार जारी है और गुरुवार को 11वें दिन भी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए सिर मुंडवाकर विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान उन्हें नियमितीकरण और अन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अलग-अलग जिलों में हो रहे रचनात्मक विरोध प्रदर्शन
बीते दिनों मनेंद्रगढ़ में कर्मचारियों ने PPE किट पहनकर बाजार में भीख मांगने का अनूठा प्रदर्शन किया। यह वही PPE किट है जो कोविड काल में मरीजों की सेवा करते समय पहनी जाती थी। इससे पहले कई जिलों में कर्मचारियों ने अनोखे तरीकों से आंदोलन किया, लेकिन सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं दिखा।
स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर
लगातार हड़ताल की वजह से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मरीजों को उपचार में दिक्कतें आ रही हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की लापरवाही के कारण आम जनता भी परेशान हो रही है।
‘मोदी की गारंटी खोज अभियान’ की घोषणा
NHM संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि 29 अगस्त से राजधानी रायपुर के तूता धरना स्थल से ‘मोदी की गारंटी खोज अभियान’ की शुरुआत होगी। इसके तहत प्रदेशभर में पंपलेट बांटे जाएंगे और लोगों को बताया जाएगा कि चुनावी वादों का क्या हुआ।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
नियमितीकरण, वेतनमान सुधार, सेवा सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को लेकर कर्मचारी लगातार आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि अब वे पीछे नहीं हटेंगे जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती।