नवा रायपुर। एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी में युवा बाघिन ‘बिजली’ की मौत के बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि विभाग के अधिकारियों ने बिना किसी सार्वजनिक सूचना के अंबानी के वनतारा में बाघिन का अंतिम संस्कार कर दिया।
मामले की जानकारी सामने आने के बाद आठ दिन बीत जाने के बावजूद विभाग ने न तो अंतिम संस्कार की कोई तस्वीर जारी की और न ही मौत के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान दिया। बिजली की मौत की पुष्टि वन विभाग की ओर से नहीं, बल्कि 10 अक्टूबर को वनतारा के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज से हुई।
इस घटनाक्रम पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत ने राज्यपाल को पत्र लिखकर जंगल सफारी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
महंत ने अपने पत्र में कहा है कि बाघिन की गर्भावस्था के दौरान ही उसकी तबीयत खराब रहने लगी थी, लेकिन समय पर उचित उपचार नहीं दिया गया। उन्होंने दावा किया कि अनुभवहीन डॉक्टरों और अधिकारियों की उपेक्षा के कारण बाघिन की असमय मृत्यु हुई।
महंत ने यह भी बताया कि फरवरी 2025 में बाघिन ‘बिजली’ ने दो शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक मृत पैदा हुआ और दूसरा कुछ दिनों बाद अस्वस्थ होकर मर गया। उन्होंने इस घटना को वन्यजीव संरक्षण व्यवस्था की गंभीर विफलता बताया और मामले की पारदर्शी जांच की मांग की।