572 स्थाई वारंट का तामिल निराकरण
दुर्ग। दुर्ग पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन ईगल को मिली बड़ी कामयाबी दुर्ग रेंज में कुल 572 स्थाई वारंट का तामिल निराकरण। विभिन्न प्रकार के वारंटों का वर्गीकरण करके साइंटिफिक तरीके से उनका विश्लेषण किया। दीगर जिला सहित राज्य जिसमें मध्य प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, पंजाब,पश्चिमबंगाल, बिहार में लुक छिप कर रह रहे वारंटियों पर कसी नकेल।
पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग द्वारा रेंज में चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन ईगल के तहत वर्षों से लुक-छिपकर रह रहे वारंटियों पर नकेल कसते हुए आधुनिक तकनीकियों का उपयोग एवं लगातार सुपरवीजन से आरोपियों की धरपकड़ की गई। उन्होंने विभिन्न प्रकार के वारंटों का वर्गीकरण करके साइंटिफिक तरीके से उनका विश्लेषण किया साथ ही जिलों को टारगेट बेस्ड एप्रोच के जरिए मॉडर्न तकनीक अपनाते हुए वारंट तामील करने के लिए निर्देशित किया।
जिला बालोद, बेमेतरा, दुर्ग के राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की देख रेख में जिला मुख्यालय एवं प्रत्येक थाना स्तर पर थाना प्रभारियो को अपने अपने क्षेत्र में लंबित स्थाई वारंटियों एवं गिरफ्तारी वारंटियों के विरुद्ध अभियान चलाकर शीघ्र धरपकड़ कर माननीय न्यायालय मे पेश करने हेतु दिशा निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में दुर्ग रेंज के जिला दुर्ग पुलिस द्वारा अभियान ईगल के तहत वारंटियों की धर पकड़ की गई, दिनांक 1 मार्च 2024 से 31 मार्च 2024 तक की स्तिथि मे दुर्ग जिले के समस्त थानों से कुल 356 स्थाई वारंटों की तामिल/निराकरण किया गया है। जिला बेमेतरा पुलिस द्वारा अभियान ईगल के तहत वारंटियों की धर पकड़ की गई, दिनांक 1 मार्च 2024 से 31 मार्च 2024 तक की स्तिथि मे तक जिले के समस्त थानों से कुल 55 स्थाई वारेंटो की तामिल/निराकरण किया गया है। रेंज के जिला बालोद पुलिस द्वारा अभियान ईगल के तहत वारंटियों की धर पकड़ की गई, दिनांक 01मार्च 2024 से 31.मार्च 2024 तक की स्थिति में तक जिले के समस्त थानों से कुल 161 स्थाई वारेंटो की तामिल/निराकरण किया गया है।
उल्लेेखनीय है कि दुर्ग रेंज में वारंट तामिली मे सर्वाधिक 204 वारंट धारा 138 (एन आई एक्ट) में की तामिली एवं 96 स्थाई वारंट मारपीट से संबंधित धारा के तहत तामिल किये गए हैं। इसके साथ ही चोरी /नकबजन के 62 वारंटो की तामिली में दुर्ग रेंज पुलिस को सफलता मिली है। वारंटियों के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। इस अभियान में दीगर राज्य जिसमें मध्य प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, पंजाब, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र आदि राज्यों के वारंटों को न्यायालय में पेश करने में सफलता मिली है।