बालको के अयप्पा मंदिर में ओणम उत्सव की धूम…रीति-रिवाज़ों के साथ हुई पूजा-अर्चना

पूरे परिसर में भक्तिमय और सांस्कृतिक वातावरण छा गया। मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया और पारंपरिक फूलों की रंगोलियों (पुक्कलम) ने ओणम की विशेष छटा बिखेरी। पूजा उपरांत भक्ति संगीत और स्तुति से वातावरण और अधिक आध्यात्मिक हो गया।

कार्यक्रम में बालको के कर्मचारी एवं टाउनशिप के समस्त श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही, जिन्होंने पूरे उत्साह से ओणम पर्व का आनंद लिया। कई परिवारों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर इस पर्व की सांस्कृतिक गरिमा को और बढ़ाया। ओणम साद्या (पारंपरिक भोज) की महक और सामूहिकता ने कार्यक्रम को सफल आध्यात्मिक बना दिया।

बालको समुदाय में यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी बना। कंपनी के जीईटी हॉस्टल में ओणम के अवसर पर रविवार को विशेष भोजन का आयोजन किया गया। 1989 से लगातार हर साल बालको के अयप्पा मंदिर में ओणम का त्योहार मनाया जा रहा है। कंपनी केवल औद्योगिक प्रगति ही नहीं बल्कि समाज और संस्कृति के उत्सवों को भी पूरे दिल से अपनाया है।

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