छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस समय जापान और दक्षिण कोरिया की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरे का उद्देश्य राज्य को वैश्विक निवेश मानचित्र पर स्थापित करना, अंतरराष्ट्रीय उद्योगों के साथ साझेदारी बढ़ाना और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना है। अपने दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री साय ने टोक्यो में आयोजित ‘डीप स्पेस – टू द मून एंड बियॉन्ड’ नामक अंतरिक्ष प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर किया गया था। अवलोकन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “यह अनुभव अत्यंत समृद्ध और प्रेरणादायक है। अंतरिक्ष नवाचारों की यह झलक हमें राजनांदगांव में प्रस्तावित अंतरिक्ष निर्माण क्लस्टर की दिशा तय करने में मदद करेगी। यह क्लस्टर भारत सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ में विकसित किया जा रहा है और यह राज्य को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र बनाएगा।”
मुख्यमंत्री साय के साथ इस यात्रा में राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव रजत कुमार, सचिव राहुल भगत, और सीएसआईडीसी के एमडी विश्वेश कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से संवाद
22 से 24 अगस्त तक टोक्यो में मुख्यमंत्री और उनकी टीम जापानी उद्योगपतियों, व्यापार संघों और निवेशकों के साथ इन्वेस्टर मीटिंग्स और बिज़नेस कनेक्ट सेशन्स में हिस्सा ले रहे हैं। इसके बाद 25 और 26 अगस्त को वे ओसाका में वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ पवेलियन का प्रतिनिधित्व करेंगे।
छत्तीसगढ़ पवेलियन में राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, औद्योगिक प्रगति, नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और सतत विकास के प्रयासों को दर्शाया जाएगा। पवेलियन का डिज़ाइन राज्य की विशिष्ट पहचान और उसकी भविष्य दृष्टि को रेखांकित करेगा।
दक्षिण कोरिया में दौरे का अंतिम चरण
मुख्यमंत्री साय का दौरे का अंतिम चरण 27 से 29 अगस्त तक सियोल में होगा, जहां वे कोरियाई कंपनियों, निवेशकों और व्यापार संगठनों से मिलेंगे। इस दौरान विभिन्न सेक्टर-विशेष गोलमेज बैठकें भी आयोजित होंगी, जिनका उद्देश्य निवेश आकर्षण, तकनीकी सहयोग और स्टार्टअप साझेदारी को आगे बढ़ाना है।
राज्य को मिलेगी आर्थिक प्रगति की रफ्तार
मुख्यमंत्री का यह विदेश दौरा न केवल छत्तीसगढ़ को वैश्विक निवेश हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि इससे स्टील, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी और स्टार्टअप्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विदेशी पूंजी और तकनीक आकर्षित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह मिशन राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन को भी नई दिशा देगा।