बिलासपुर से रायपुर तक के नेशनल हाईवे (NH) की खस्ताहाली को लेकर मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर को फटकार लगाते हुए 3 सप्ताह के भीतर शपथपत्र में जवाब देने को कहा है कि सड़क की मरम्मत और सुधार कार्य कब तक पूरा किया जाएगा।

कोर्ट के आदेश पर प्रोजेक्ट मैनेजर को बिलासपुर-रायपुर हाईवे से होकर ही कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ा। अदालत ने इस मार्ग की खराब स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि यह हाईवे प्रदेश की राजधानी रायपुर और न्यायधानी बिलासपुर को जोड़ता है, जिस पर लाखों लोगों का रोजाना आवागमन होता है।
कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि एनएचएआई द्वारा सड़क की देखरेख में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। सड़क पर रखे स्टॉपर अव्यवस्थित और खतरनाक स्थिति में हैं, जो हादसों का कारण बन रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि इस स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती और जवाबदेही तय की जाएगी।