:राजकुमार मल:
भाटापारा- दिन लाई और बताशा के लेकिन खरीदी को लेकर रुझान ‘गजक’
और ‘सोनपापड़ी’ की ओर बढ़ता हुआ नजर आ रहा
जिसकी प्रति किलो कीमत फिलहाल क्रय शक्ति के भीतर मानी जा रही है।

एक सप्ताह बाद दीपोत्सव के लिए होलसेल काऊंटर की तैयारी पूरी। अब बारी रिटेल की, जिसकी खरीददारी पूर्णता की ओर है लेकिन परंपरागत मिठाईयों के बीच ‘गजक’ जैसी मिठाई भी उपभोक्ता खरीद सकेंगे देवांगन खजूरवाला के यहां से। इसी तरह सोनपापड़ी को भी जोरदार प्रतिसाद मिलने की संभावना बन रही है।
लाई शांत, बताशा गर्म
खुदरा दुकानों में लाई और बताशा के लिए अलग से काऊंटर खुलने लगे हैं। लाई क्वालिटी का धान महंगा होने से लाई की प्रति किलो कीमत 80 से 100 रुपए पर फिलहाल शांत है लेकिन तेजी की धारणा व्यक्त की जा रही है। शक्कर की कीमत बढ़ने से बताशा कीमत 120 से 130 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंची है। गर्मी की आशंका इसलिए है क्योंकि उत्पादन की गति धीमी है।

इसलिए आकर्षण गजक में
परंपरागत मिठाई रही है ‘गजक’ लेकिन नई मिठाईयों की भीड़ में यह बीते कुछ सालों से नजर नहीं आ रहा था। अब यह भी नजर आएगा। फिलहाल सीमित मात्रा में लाया गया “गजक” 320 रुपए किलो पर उपलब्ध होगा लेकिन खरीदी एक साथ 10 किलो की पैकिंग की करनी होगी। जिसकी कीमत 3200 रुपए बताई जा रही है।

प्रतीक्षा उपभोक्ता मांग की
देवांगन खजूरवाला के संचालक मयंक देवांगन बताते हैं कि होलसेल मार्केट की तैयारी के बाद अब खुदरा बाजार की खरीदी जोरों पर है। लग रहे काऊंटर से बेहतर डिमांड की उम्मीद है क्योंकि पारंपरिक खरीदी से हटकर कुछ नई सामग्री की ओर रुझान देखा जा रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं के लिए ‘गजक’ की उपलब्धता तय करवाई गई है.
