पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लंदन स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने एक अनोखी उपलब्धि के लिए मान्यता प्रदान की है। उन्हें यह सम्मान राज्य में दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए दिया गया है।
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने इसे बिहार तथा देश की लोकतांत्रिक यात्रा का ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि यह नीतीश कुमार की वर्षों की सार्वजनिक सेवा, स्थिर शासन और जनता के विश्वास का प्रतीक है।
संजय झा ने पोस्ट में लिखा कि लगातार दस बार मुख्यमंत्री बनने का यह रिकॉर्ड न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी है। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने नीतीश कुमार के नाम को अपनी वैश्विक सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नीतीश कुमार ने पहली बार मार्च 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, हालांकि उस समय उनकी सरकार मात्र सात दिन ही चल सकी। इसके बाद 2005 में वे फिर सत्ता में आए और तब से बिहार की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) तथा महागठबंधन दोनों के साथ सरकार चलाई। एक बार उन्होंने कुछ महीनों के लिए पद छोड़ा और यह जिम्मेदारी जीतन राम मांझी को सौंपी, लेकिन शीघ्र ही वापस लौट आए।
संजय झा ने इस उपलब्धि को बिहार के लिए गौरव का विषय बताया और कहा कि नीतीश कुमार का स्थिर नेतृत्व राज्य के विकास में निर्णायक रहा है। इसे बिहार की लोकतांत्रिक परिपक्वता और मजबूती का भी प्रतीक माना जा रहा है।