NHRC : हिरासत में हुई मौत पर एनएचआरसी ने मांगी रिपोर्ट
NHRC : नयी दिल्ली ! राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने असम के शिवसागर जिले के पुलिस अधीक्षक से कथित तौर पर नागालैंड के एक 35 वर्षीय व्यक्ति की पुलिस प्रताड़ना से हिरासत में 21 अगस्त को हुई मौत के मामले में चार सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
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NHRC : भारतीय स्वदेशी वकीलों के संघ (आईएलएआई) द्वारा 25 अगस्त को एनएचआरसी के समक्ष एक शिकायत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद यह कार्रवाई सामने आई है। संघ ने एनएचआरसी से हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
आईएलएआई के तेजंग चकमा ने सोमवार को यहां एक बयान में कहा,“आईएलएआई ने एनएचआरसी से असम सरकार को सीआरपीसी की धारा 176 (1ए) के तहत हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच करने का निर्देश देने का आग्रह किया, जिसमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और थाना के सीसीटीवी फुटेज सहित विस्तृत रिपोर्ट के अलावा मौत, बलात्कार तथा हिरासत में गायब होने के मामलों में अनिवार्य न्यायिक जांच का प्रावधान है।”
श्री चकमा ने कहा कि आईएलएआई ने गेलेके पुलिस थाने के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत उचित कानूनी कार्रवाई करने तथा मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने की भी मांग की।
पुलिस हिरासत में कथित रूप से मृत ई हेनवीह फोम नागालैंड के मोकोकचुंग जिले के अनाकी-सी गांव के रहने वाले थे। उन्हें 16 अगस्त को एक महिला के साथ असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था जब वह गेलेके की यात्रा कर रहे थे।
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गिरफ्तारी के बाद, फोम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, पांच दिन बाद संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिस हिरासत के दौरान उसे प्रताड़ित किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। परिवार ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तारी के समय मृतक शारीरिक रूप से पूरीतरह स्वस्थ था।