NHM कर्मचारी 18 अगस्त से रहेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर…आपातकालीन सेवाएं होगी प्रभावित

कलेक्टर, सीएमएचओ, सीएस व बीएमओ सहित सभी संबंधित अधिकारियों को इसकी लिखित सूचना दी जा चुकी है।

मुख्य कारण:

सरकार की बेरुखी और 20 वर्षों की लगातार उपेक्षा
15 अगस्त तक 10 सूत्रीय मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं

एनएचएम कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगें:

  1. संविलियन/स्थायीकरण
  2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
  3. ग्रेड पे का निर्धारण
  4. कार्य मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता
  5. लंबित 27% वेतन वृद्धि
  6. नियमित भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों के लिए आरक्षण
  7. अनुकम्पा नियुक्ति
  8. मेडिकल व अन्य अवकाश की सुविधा
  9. स्थानांतरण नीति
  10. न्यूनतम ₹10 लाख का कैशलेस चिकित्सा बीमा

20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा

एनएचएम कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर बड़े शासकीय संस्थानों तक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 जैसी महामारी में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही है। बावजूद इसके, इन्हें अब तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है।

राजनीतिक वादे और अब की अनदेखी

चुनावी घोषणापत्र 2023 में “मोदी की गारंटी” के तहत नियमितीकरण का वादा किया गया था। विगत 20 माह में 160 से अधिक बार ज्ञापन देने के बाद भी कोई समाधान सामने नहीं आया।छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित इस आंदोलन की जानकारी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी, जिलाध्यक्ष पूरन दास, डॉ. बृजेश दुबे, मनीष शर्मा एवं डॉ. अभिषेक यादव ने संयुक्त रूप से दी। जिलाध्यक्ष योगेश्वर चन्द्रम ने बताया की अनिश्चितकालीन जाने से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बेपटरी हो जाएंगी। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

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