New Korba Hospital जिंदगी और मौत से जूझ रहे सर्पदंश पीड़ित को न्यू कोरबा हॉस्पिटल ने दी नई जिंदगी

New Korba Hospital

उमेश कुमार डहरिया

New Korba Hospital मौत के मुंह से वापस लौटा सर्पदंश पीड़ित, एनकेएच टीम की मेहनत

New Korba Hospital कोरबा । न्यू कोरबा हॉस्पिटल में एक जिंदगी और मौत से जूझ रहे सर्पदंश पीड़ित को नई जिंदगी मिली। ज्यादातर ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें सर्पदंश से पीड़ित को बचाना नामुमकिन होता है लेकिन एनकेएच में चिकित्सा टीम ने पीड़ित को मौत के मुंह से वापस लाया।

New Korba Hospital कोरबा जिले के हरदीबाजार अंतर्गत ग्राम बोईदा निवासी 34 वर्षीय मोहन पोर्ते को 10 नवंबर को सोते वक्त सांप ने डस लिया। जैसे ही घर वालों को इसका पता चला तो मोहन को आनन-फानन में नजदीक के अस्पताल ले गए लेकिन इलाज में कोई सुधार नहीं होता देख परिजन मोहन को न्यू कोरबा हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।

यहां परीक्षण के दौरान पाया कि मोहन सांस नहीं ले पा रहा है और बेहोशी की हालत में है। दो बार मरीज़ के दिल की धड़कन रुक गई थी। डॉक्टर ने मोहन को सीपीआर पद्धति से कृत्रिम श्वाँस देने का प्रयास किया और तत्काल मोहन को वेंटिलेटर पर रखकर उपचार शुरू कर दिया गया।

New Korba Hospital मोहन कुछ दिनों तक आईसीयू में वेंटिलेटर पर था, हालत सुधरने पर वार्ड में शिफ्ट किया गया। मोहन अब बिल्कुल स्वस्थ हो चुका है।

भाई करण पोर्ते व परिजन काफी खुश हैं और डॉक्टर अविनाश तिवारी व हॉस्पिटल प्रबंधन, ड्यूटी डॉक्टर व स्टॉफ के प्रति आभार जताया है।

मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अविनाश तिवारी ने बताया कि मोहन को जब उसके परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे उसकी हालत बहुत गंभीर थी। उसे कृत्रिम श्वांस देकर वेंटिलेटर पर रखा गया। मोहन अब बिल्कुल स्वस्थ है।

उम्मीद छोड़ चुके थे परिजन

New Korba Hospital पीड़ित मोहन के भाई करण पोर्ते ने बताया कि मोहन को जब अस्पताल लाए थे, तब हम उम्मीद छोड़ चुके थे।

हालत देखकर लगा कि उसे बचा नहीं पाएंगे लेकिन एनकेएच में आने के बाद यहां उपचार करने का तरीका देखा तो उम्मीद जागी कि मोहन जल्द ठीक हो गए। करण ने बताया कि उनके पास पैसा भी कम था लेकिन हमारी हालात और हालत जान-समझ कर एनकेएच के डॉक्टर और स्टॉफ ने अच्छे से इलाज किया।

 झाड़-फूंक नहीं, समय पर ईलाज जरूरी
करण पोर्ते ने लोगों से अपील कर कहा है कि सर्पदंश जैसे मामले में पीड़ित को झाड़-फूंक के लिए ना जाएं बल्कि सीधे अस्पताल ले कर आयें तथा सही समय पर सही इलाज करवाएं ताकि उसकी जान बच सके।

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