New infra structure नए इंफ्रा स्ट्रक्चर ने हिला दिया ठेकेदारों के पेमेंट का स्ट्रक्चर

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New infra structure सड़कों के निर्माण और रख रखाव की नई व्यवस्था से बढ़ी परेशानियां
लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों के अरबों रु. का भुगतान अटका

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New infra structure जगदलपुर। राज्य सरकार द्वारा सड़कों के निर्माण और रख रखाव के लिए जो नई व्यवस्था की गई है, वह ठेकेदारों के लिए परेशानियों का सबब बन गई है। सड़कों से संबंधित कार्यों को अंजाम देने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमि. का गठन किया है।

इस संस्था की कार्यप्रणाली में इतनी पेचीदगियां हैं कि ठेकेदारों के भुगतान का स्ट्रक्चर हिल गया है। ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए कार्यों की विभिन्न स्तरों पर जांच पूरी कर ली जाने के बाद भी उन्हें महिनों भुगतान नहीं किया जाता।

New infra structure छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों के रख रखाव के लिए छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमि. का गठन किया है। यह संस्था बैंक से ऋण लेकर सड़कों से संबंधित कार्य कराती है। संस्था के प्रबंध निदेशक आईएएस सारांश मित्तल को बनाया गया है।

लोक निर्माण विभाग को इसके अधीन कर इस विभाग के जरिए कार्य ठेकेदारों से कराया जाता है। वर्तमान में इस संस्था द्वारा बैंक ऋण से राज्य के सुदूर नक्सल प्रभावित एवं संवेदनशील इलाकों में लगभग पांच हजार करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण और संधारण कार्य कराया जा रहा है।

बस्तर संभाग में भी कई सौ करोड़ के कार्य संस्था द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से कराए जा रहे हैं। पूरे राज्य में संस्था द्वारा कराए जा रहे कार्यों की निगरानी लोक निर्माण विभाग के मैदानी स्तर के इंजीनियर्स, एसडीओ तथा कार्यपालन अभियंता करते हैं। सड़कों के निर्माण के लिए समय सीमा तय कर संबंधित ठेकेदारों को तय समय में कार्य पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

New infra structure कार्य पूरा ना होने पर ठेकेदारों पर पेनाल्टी लगाई जाती है। मगर ठेकेदारों को भुगतान समय पर नहीं किया जाता। इसलिए वे कार्य पूर्ण नहीं करा पाते। राशि न मिलने की वजह से ठेकेदार जिन संस्थानों से निर्माण सामग्री खरीदते हैं, उन्हें उनके बिलों का तथा रोड रोलर, डंपर, टिप्पर आदि का किराया और मजदूरों के पारिश्रमिक का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं। सड़कों के निर्माण में लगे प्रायः सभी ठेकेदारों के सैकड़ों करोड़ रु. का भुगतान अटका हुआ है।

वे कर्ज लेकर बिलों व मशीनों के भाड़े तथा मजदूरी का भुगतान कर रहे हैं। समय पर रकम न मिलने के कारण निर्माण सामग्री आपूर्ति करने वाले प्रतिष्ठानों, मशीनरी किराए पर देने वालों तथा मजदूरों की नजरों में ठेकेदारों की विश्वनीयता घटती जा रही है। ठेकेदार परेशान हो चले हैं।उनका कहना है कि भुगतान प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए।

पहले लोक निर्माण विभाग के ईई द्वारा कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर होने के आधार पर ठेकेदारों को तुरंत चेक जारी कर दिए जाते थे। तब कार्य करने में ठेकेदारों को बड़ी सहूलियत होती थी। अब भुगतान में तरह तरह की पेचीदगियां खड़ी हो गई हैं।

जांच पर जांच, फिर भी भुगतान में अड़ंगा

New infra structure छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमि. के अस्तित्व में आने के बाद ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान में ढेरों पेचीदगियां आ गई हैं। ठेकेदारों द्वारा कराए जाने वाले सड़क निर्माण की जांच लोक निर्माण विभाग के सब इंजीनयर व एसडीओ करते हैं। वे जांच प्रतिवेदन अपने कार्यपालन अभियंता के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।

कार्य से संतुष्ट होने पर कार्यपालन अभियंता ओके रिपोर्ट विभाग के इंजीनियर इन चीफ को प्रेषित करते हैं। इसके बाद इंजीनियर इन चीफ ठेकेदार के भुगतान की अनुशंसा के साथ प्रतिवेदन छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर लिमि. के एमडी के पास भेजते हैं। इंजीनियर इन चीफ के दफ्तर में भी यह मामला लंबे समय तक लटका रहता है।

इंजीनियर इन चीफ को जब कभी फुरसत मिलती है तब कहीं जाकर वे छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रकरण भेजते हैं। एमडी जब संतुष्ट होते हैं, तभी भुगतान का आदेश जारी होता है और चेक काटे जाते हैं। एमडी के कार्यालय में भी मामला फंसा रहता है। इस प्रक्रिया में कई माह लग जाते हैं। तब कहीं जाकर ठेकेदारों को राशि मिल पाती है।

एमडी या उनके अधीन लेखपाल व बड़े बाबू छुट्टी पर हों, तो फिर भुगतान महिनों लटका रहता है। इन दिनों स्वयं एमडी लंबे अवकाश पर चल रहे हैं। उनकी जगह पदभार सम्हाल रहे श्री कश्यप भी छुट्टी पर चले गए हैं। उनके दफ्तर में ठेकेदारों के भुगतान से संबंधित दर्जनों प्रकरण लटके पड़े हैं।

परेशान हो रहे हैं आदिवासी मजदूर

ठेकेदारों को समय पर चेक न मिलने से वे अपने कर्मचारियों और निर्माण में लगे मजदूरों को उनका पारिश्रमिक का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। बस्तर संभाग में छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमि. द्वारा कई सौ करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।

इन निर्माण कार्यों में बस्तर के आदिवासी मजदूरों को रोजगार तो मिल रहा है, मगर उनके पसीने की कीमत उन्हें नहीं मिल पा रही है।

New infra structure बस्तर के आदिवासी मजदूर तथा ठेकेदारों के कर्मचारियों के समक्ष परिवार के भरण पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। वे अपनी पगार के लिए बार बार ठेकेदारों के समक्ष मिन्नतें करते हैं, लेकिन भुगतान प्रक्रिया की जटिलता के कारण वे भी विवश हैं।

ठेकेदारों का कहना है कि भुगतान की प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए, तभी सबको राहत मिल सकती है।

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