Naxal movement : ‘लाल आतंक’ को समाप्त करने की प्रतिबद्धता ग्राउंड जीरो पर नजर आने लगी
Naxal movement : रायपुर ! छत्तीसगढ़ में नक्सल मूवमेंट पर लगाम लगाने और राज्य से ‘लाल आतंक’ को समाप्त करने के केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता ग्राउंड जीरो पर नजर आने लगी है।
बस्तर में डिजिटल क्रांति और राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए नक्सलवाद की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। यहां घोर नक्सली क्षेत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने 253 नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए हैं। इससे जवानों को समय पर मोबाइल के जरिए ही कमांड मिल रहा है। धुर नक्सल क्षेत्र के कई इलाकों में पहली बार मोबाइल का नेटवर्क पहुंचा है और कम्युनिकेशन सरल हुआ है।
एनआईए ने अलग-अलग मामलों में 18 नए प्रकरण दर्ज किए हैं। ऐसे लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं जो कि नक्सलियों को फंड पहुंचाने का काम करते रहे हैं। इस तरह नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को भी ध्वस्त किया जा रहा है।
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ऐसे मामलों में एनआईए यहां 27 प्रकरणों की जांच कर रही है। इसके अलावा राज्य में घटित होने वाली नक्सल घटनाओं के कुशल अनुसंधान और अभियोजन की प्रभावी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का भी गठन किया है।
पिछले नौ महीने के भीतर केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से जवानों का हौसला बढ़ा और सूचना तंत्र पहले से अधिक मजबूत हुआ है। नतीजा यह हुआ कि अब तक 188 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया।
केंद्र सरकार की योजना से बस्तर में डिजिटल क्रांति केंद्र सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट में 841 करोड़ रुपये की लागत से 971 गांवों में मोबाइल टावर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 550 गांवों तक नेटवर्क पहुंच गया है। यहां 5-जी नेटवर्क भी पहुंचाने की कवायद की जा रही है। भारत नेट परियोजना में केंद्र सरकार ने बस्तर को प्राथमिकता में रखा है। सरकार की पहल से नेटवर्क कनेक्टिविटी अब इन गांवों तक पहुंच रही है।
Naxal movement : गांव में ही पैन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और मनी ट्रांसफर की सुविधा प्रदान की जा रही है इसका लाभ ग्रामीण उठाने लगे हैं।
सड़कों का जाल नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में 215 किलोमीटर की 22 सड़कों का निर्माण पूरा हुआ। सड़क का नेटवर्क पूरा होने से दंतेवाड़ा की ओर से धुर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के जंगलों का रास्ता खुलने लगा है। इसके अलावा 10 पुल का निर्माण कार्य भी पूरा हुआ है।
मुख्यमंत्री साय ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ पर जो नक्सली राज्य होने का अंतरराष्ट्रीय कलंक लगाया हुआ है उसे मिटाना हमारी प्राथमिकता है। सरकार सड़क बिजली पानी शिक्षा के मूलमंत्र के साथ नक्सली क्षेत्र में काम कर रही है विभिन्न योजनाओं के जरिये नक्सलियों को मूल धारा में वापस ला रही है बस्तर के हर जिले में आत्मसमपर्ण के लिए ‘नियद नेल्ला नार’ जैसी योजनाएं बनाई गई हैं। आत्मसमर्पण के द्वारा जो लोग समाज की मुख्य धारा में जुड़ रहे है उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने को प्रेरित कर उन्हें रोजगार भी देने का प्रयास कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को ध्वस्त करने के लिए हम बहुत सारे केस एसआईए को सौंप रहे हैं। कुल 27 प्रकरणों केा एनआइए जांच कर रही है। दूसरी तरफ हम मोबाइल कनेक्टिविटी से सरकारी योजनाओं की जानकारी व सुविधा लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
Naxal movement : नक्सली चाहते हैं कि यहां के लोगों को बिजली, पानी, सड़क, अस्पताल और अन्य सुविधा न मिले। मोबाइल नेटवर्क की सुविधा आज की मांग है और सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है।