National Human Rights Commission : काम के दबाव में सीए लड़की की कथित आत्महत्या पर श्रम मंत्रालय को मानवाधिकार आयोग का नोटिस
National Human Rights Commission : नयी दिल्ली ! राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केरल की एक चार्टर्ड अकाउंटेंट लड़की की पुणे में उसकी कंपनी में कथित तौर पर अत्यधिक कार्यभार के कारण हुई मौत की घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए श्रम और रोजगार मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
संवेदनशील और जवाबदेह होना चाहिए
आयोग की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उसने घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को मानवाधिकार मुद्दों के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह होना चाहिए। आयोग का यह भी कहना है कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि देश में काम की जगहों पर वैश्विक स्तर पर लागू अच्छे मानवाधिकार मानकों के अनुरूप हों।
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आयोग ने कंपनियों ने अपनी कार्य संस्कृति, रोजगार नीतियों और विनियमों की समीक्षा करने के लिए कहा है।
आयोग ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट में पुणे जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे और प्रस्तावित कदमों की भी जानकारी दे।
अत्यधिक कार्यभार के कारण मृत्यु
एनएचआरसी ने केरल की 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट लड़की की 20 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के पुणे में कथित तौर पर अर्न्स्ट एंड यंग में अत्यधिक कार्यभार के कारण मृत्यु की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक उस लड़की ने चार महीने पहले कंपनी में काम करना शुरू किया था।
मृतक लड़की की मां ने नियोक्ता को एक पत्र लिखकर दावा किया है कि लंबे समय तक काम करने से उसकी बेटी के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ा रहा था। कंपनी ने हालांकि इस आरोप को खारिज कर दिया है ।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय मामले की जांच करवा रहा है।
आयोग का कहना है कि घटना के बारे में मीडिया की बातों में यदि सच्चाई है तो ये ये बातें नौकरी में युवा नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में गंभीर सवाल उठाती है। आयोग ने कहा है कि प्रत्येक नियोक्ता का यह प्रमुख कर्तव्य है कि वह अपने कर्मचारियों को सुरक्षित, संरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करे। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों के साथ सम्मान और निष्पक्षता से पेश आया जाए।
आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया है कि व्यवसायों को मानवाधिकारों के मुद्दों के लिए जवाबदेही लेनी चाहिए। उन्हें अपने मानकों को वैश्विक मानवाधिकार मानकों के समरुप रखने के लिए नियमित रूप से अपने कार्य और रोजगार नीतियों और विनियमों को अद्यतन और संशोधित करना चाहिए।
आयोग ने कहा है कि ताजा मामले में युवा कर्मचारी की दर्दनाक मौत ने संकेत दिया है कि देश में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी हितधारकों द्वारा इस संबंध में तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मंत्रालय से संबंधित मामले में की गयी जांच के निष्कर्ष भी बताने को कहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में आयोग ने हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में दो बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा कार्यस्थल पर कथित अनुचित व्यवहार के बारे में मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया था। दोनों मामले आयोग के समक्ष विचाराधीन हैं।
आयोग ने पिछले वर्ष, मानवाधिकारों के बारे में विभिन्न हितधारकों, विशेष रूप से व्यवसाय और उद्योग को संवेदनशील बनाने के लिए ‘व्यवसायों में मानवाधिकारों और जलवायु मुद्दों के सामंजस्य’ पर एक सम्मेलन आयोजित किया था।
National Human Rights Commission : आयोग ने व्यवसाय में मानवाधिकारों के उल्लंघन को बढ़ावा देने वाली विभिन्न प्रथाओं और कार्य वातावरण पर नज़र रखने के लिए एक ‘विशेष मॉनिटर’ भी नियुक्त किया है। आयोग ने व्यवसायिक वातावरण और मानवाधिकारों से संबंधित मौजूदा कानूनों और विनियमों की समीक्षा करने और सुधार के उपाय सुझाने के लिए विशेष रूप से ‘व्यवसाय और मानवाधिकारों पर एक कोर ग्रुप’ का गठन किया है।