National Filariasis Day फाइलेरिया के लक्षण, कारण व बचाव की जानकारी देकर लोगों को किया जागरूक

National Filariasis Day

National Filariasis Day पीएचसी और सीएचसी में मनाया गया राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस

National Filariasis Day राजनांदगांव। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अस्पताल के साथ ही जिले की सभी पीएचसी और सीएचसी में राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस मनाया गया। इस दौरान रैली निकाली गई तथा अस्पताल में मरीजों को जिला मलेरिया विभाग के कर्मचारियों ने फाइलेरिया के लक्षण, कारण व बचाव की जानकारी दी। साथ ही विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

National Filariasis Day मलेरिया विभाग की जिला सलाहकार संगीता पांडेय ने बतायाः फाइलेरिया दिवस पर अस्पताल पहुंचे मरीजों को फइलेरिया बीमारी के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस बीमारी से ग्रसित लोगों की पहचान कर दवा दी गई। फाइलेरिया के पुराने मरीजों को रोग नियंत्रण हेतु उपचार किट वितरण कार्य भी प्रारंभ किया गया है।

National Filariasis Day आगे उन्होंने बताया, फाइलेरिया एक परजीवी रोग है जो वुचेरेरिया वैनक्राफ्ताई एवं वी मलाई के कारण होता है। क्यूलेक्स ग्रुप की मादा मच्छर फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटने के बाद जब स्वस्थ व्यक्ति को काटती है तो उसमें इस रोग का संचरण कर देती है। इसका प्रभाव शरीर के किसी भाग में सूजन, हाइड्रोसील तथा हाथीपांव के रूप मे प्रकट होता है। फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहा जाता है। इसका प्रभाव सभी आयु वर्ग में हो सकता है।

National Filariasis Day  फाइलेरिया रोग के संचरण को कम करने के लिए 2 वर्ष की आयु से ऊपर (गर्भवती, बीमार व्यक्ति को छोड़कर) के सभी व्यक्तियों को डीईसी की एक खुराक दी जाती है। साथ ही एल्बेंडाजोल (400 मिग्रा) की एक गोली खिलाई जाती है। फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा वितरण के लिए टीमें बनाई गई हैं। यह टीम लोगों को दवा खिलाने का काम कर रही है।

National Filariasis Day  इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ ने बतायाः स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले को फाइलेरिया मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। इसी क्रम में मलेरिया विभाग की ओर से जिले के सभी विकासखंड में विगत वर्षों से ही फाइलेरिया नियंत्रण के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इससे जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में फाइलेरिया के सकारात्मक प्रकरणों में कमी दर्ज की जा रही है। फाइलेरिया के पुराने मरीजों को घरेलू रोग प्रबंधन के लिए उपचार किट के रूप में टब, मग्गा, टॉवेल, साबुन, बेटाडीन मलहम आदि सामग्री का वितरण किया गया है। साथ ही उन्हें इसके उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान मरीजों के समक्ष घरेलू रोग प्रबंधन की विधि का प्रदर्शन भी किया गया।

फाइलेरिया दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक भूमिका वर्मा व मलेरिया विभाग की जिला सलाहकार संगीता पांडेय सहित एएनएम और पीएचसी स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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