Nalwa Cement
:देवेंद्र पंसारी:
खरोरा के आसपास विकास के नाम पर प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ से स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है. नलवा सीमेंट द्वारा मंधईपुर में प्रस्तावित लाइमस्टोन माइनिंग प्रोजेक्ट के कारण स्थानीय पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस परियोजना के चलते गांव का वातावरण प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है, जिससे न केवल प्राकृतिक सौंदर्य में कमी आएगी, बल्कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
खरोरा के आसपास पचरी, छड़ियां, मंधईपुर, आलेसुर में पेयजल की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. लगातार भूजल स्तर में गिरावट आ रही है और साथ ही पानी की गुणवत्ता भी बिगड़ रही है. इसके चलते ग्रामीणों को साफ और सुरक्षित पेयजल प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई से न केवल जैव विविधता को नुकसान होगा, बल्कि यह क्षेत्र की पारिस्थितिकी को भी गंभीर रूप से प्रभावित करेगा.
नलवा द्वारा पचरी पंचायत में प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपी गई है उस अनुसार पचरी पंचायत अंतर्गत आने वाले तालाब जिससे सैकड़ों किसानों को निस्तारी का साधन है वह भी नलवा के कब्जे में आ जाएगा. पशुओं के चारागाह के लिए जमीन भी आरक्षित है वह भी नलवा के कब्जे में आ जाएगी.
इस संदर्भ में नलवा के खरोरा हेड राजेंद्र चौरसिया को फोन किया गया उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया ।
वहीं नलवा की पीआर हेड पूनम कक्कड़ ने कहा जो भी जानकारी है वह राजेंद्र चौरसिया ही देंगे