:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :-नगरपालिका के कथनी व करनी में कितना अंतर होता है यह पुनः सामने आ गया है ।पालिका प्रशासन के हिटलरशाही रवैये से नगरवासियो में भारी आक्रोश है । गौरवपथ को नगरपालिका ने सफेद हाथी का रूप दे दिया है जितनी कमाई करनी है कर लो भ्र्ष्टाचार व कमाई का अड्डा बना कर रख लिया गया है ।
नगरपालिका नगरवासियो से सभी टैक्स तो लेती है पर सुविधा देने में पूरी तरह नाकाम सिद्ध हो रही है ।लोगों को सही तरह से न बिजली न पानी , न साफ सफाई न ही स्ट्रीट लाइट की सुविधा , न ही सुविधा युक्त सब्जी बाजार , नगर में बाहर से आने वाले मुसाफिरों व व्यवसायियों को लघुशंका जाने के लिए मूत्रालय की सुविधा तक उपलब्ध नही है । जिससे बाहर से आये व्यक्तियों को व खासकर महिलाओं को सुविधाओ के अभाव के परेशान होते देखा जा सकता है ।
कुछ इसी तरह “आज की जनधारा” अखबार द्वारा नगर के अंदर कई बजबजाति नालियों के अंदर से पाइप डालकर पेयजल सप्लाई किया गया है से सबंधित अनेकों बार समाचारो का प्रकाशन कर नगरपालिका का ध्यान आकर्षित कराया गया था । इस ओर संगम सेवा समिति के संस्थापक द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए एसडीएम से मुलाकात कर इन नालियों से पाईप लाइन हटाये जाने का का आदेश सीएमओ को दिया गया था ।
सीएमओ द्वारा नालियों के अंदर बिछाये गये पाईप लाइनों की पहचान की गई जिसमें लगभग 10 वार्डो में 945 फिट पाईप नालियों के अंदर थी जिसे बाहर निकालकर पेयजल आपूर्ति किये जाने या निर्णय लिया गया था किंतु यह काम अभी तक प्रारम्भ नही किया गया है । यहां भी नगरपालिका द्वारा एसडीएम द्वारा दिये गए निर्देश की अवहेलना की जा रही है । इसके पूर्व भी नगर में अवांछित क्रासिंग को बंद किये जाने का आदेश एसडीएम द्वारा दिया गया था । किंतु आज 4 माह बाद भी एक भी क्रासिंग को बन्द नही किया गया ।
जब नगरपालिका एक प्रशासनिक अधिकारी के आदेश व निर्देशो की अनदेखी कर रही है तो आम आदमी की क्या सुनवाई होती होगी यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है ।
नगर में अभी अग्रसेन चौक के आसपास नाली निर्माण निर्माणाधीन है । नगरपालिका द्वारा पुनः इतना विरोध होने व कहने के बाद फिर से निर्माणाधीन नालियों के अंदर से पाईप लाइन डाल दी गई है । इसका ताजा उदाहरण गुरुनानक मोबाइल व भगवती वस्त्र भंडार के सामने निर्माणाधीन नाली निर्माण में देखा जा सकता है । नाली के अंदर से पुनः पेयजल पाईप डाली गई है ।
एक ओर पुराने पाईप लाइनों को नालियों से बाहर निकाला जा रहा है तो वही दूसरी ओर पुनःपेयजल पाइपो को नाली के अंदर डालकर अपनी हिटलरशाही व जिद्दीपन का उदाहरण नगरवासियो व प्रशासन के समक्ष रखा जा रहा है । उन्हें यह संदेश दिया जा रहा है कि हम वही करेंगे जो हमे करना है । चाहे वह नगरहित में हो या न हो ।
नगरपालिका के इस कार्य से यह स्पस्ट हो गया है की नगरपालिका के करनी व कथनी में कितना अंतर है । नगरपालिका के इस दूषित निर्माणकार्य का खामियाजाना आने वाले समय मे नगरवासियो को ही भुगतना पड़ेगा ।