लंबे समय से शिव परमात्मा से जुड़ी हुई हूं: सांसद कमलेश जांगड़े

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े (जांजगीर लोकसभा क्षेत्र) उपस्थित रहीं।
विशिष्ट अतिथियों में श्रीमती विद्या सिदार (प्रदेश मंत्री, छत्तीसगढ़), सतीश भार्गव (अधीक्षक, उपजेल सक्ती), राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी (संचालिका, कोरबा क्षेत्र), राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी बिंदु दीदी (संचालिका, जमनीपाली सेवा केंद्र), बी.के. श्याम कुमार भाई (ज्ञान सरोवर, माउंट आबू), बी.के. संतोष भाई (माउंट आबू) तथा बी.के. जयनारायण भाई (मधुबन) शामिल रहे।

सेवा केंद्र संचालिका बी.के. तुलसी दीदी एवं बी.के. कांति बहन ने सभी अतिथियों का तिलक लगाकर एवं गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया।

अपने उद्बोधन में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े ने कहा —
“मैं लंबे समय से शिव परमात्मा से जुड़ी हुई हूं। जब भी ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा मुझे आमंत्रित किया जाता है, मैं अवश्य उपस्थित होती हूं। आगे भी संस्था के हर कार्यक्रम में योगदान देने का प्रयास करूंगी।”

ब्रह्माकुमारी बिंदु दीदी ने नौ देवियों के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज का उद्देश्य प्रत्येक मानव के जीवन में सुख, शांति और स्वर्ग समान वातावरण लाना है। उन्होंने कहा कि “आध्यात्मिक ज्ञान से ही आत्मा में शक्ति आती है और हम जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।” उन्होंने उपस्थित जनों से सात दिवसीय नि:शुल्क राजयोग मेडिटेशन कोर्स करने की अपील की।

श्रीमती विद्या सिदार ने कहा —
“हम सभी शिव बाबा की बगिया के फूल हैं। अपने विचारों को शुद्ध और सकारात्मक बनाकर ही हम संसार को बदल सकते हैं।”

श्री सतीश भार्गव ने बताया कि वे वर्ष 2012 से संस्था से जुड़े हुए हैं और अनेक अवसरों पर लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि हाल ही में उपजेल में बंदी भाइयों के लिए बी.के. संतोष भाई द्वारा मेडिटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिससे कैदियों में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने घोषणा की कि भविष्य में सभी बंदियों के लिए राजयोग मेडिटेशन कोर्स आयोजित किया जाएगा।

राजयोगिनी रुक्मणी दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा —
“परमात्मा इस धरा पर अवतरित हो चुके हैं और अपना दिव्य कार्य कर रहे हैं। जब वे स्वयं अपना संदेश दे रहे हैं, तब हमें उसे पहचानना और जीवन में अपनाना चाहिए।”

बी.के. जयनारायण भाई ने सभी उपस्थितजनों को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया। अंत में बी.के. रुक्मणी दीदी एवं बिंदु दीदी ने सभी मुख्य अतिथियों का सम्मान कर उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम का संचालन बी.के. मधु बहन ने किया।

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